निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर लगाया बड़ा आरोप, बोले- '150 नेता थे रूस के एजेंट, मिलती थी फंडिंग'

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे का कहना है कि कांग्रेस राज में रूसी एजेंसी का भारत में दखल था, कांग्रेस के नेता भ्रष्‍टाचार में शामिल थे. भारत की नीतियां बाहरी लोग तय करते थे.

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नई दिल्‍ली:

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और झारखंड के गोड्डा लोकसभा सीट से सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर बड़ा आरोप लगाया है. निशिकांत दुबे का कहना है कि कांग्रेस राज में रूसी एजेंसी का भारत में दखल था, कांग्रेस के नेता भ्रष्‍टाचार में शामिल थे. भारत की नीतियां बाहरी लोग तय करते थे. निशिकांत दुबे का कहना है कि CIA के सीक्रेट दस्तावेज के आधार पर वह यह दावा कर रहे हैं. उनका कहना है कि कांग्रेस गुलामों-बिचौलियों की कठपुतली है.

सीआईए की रिपोर्ट

सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस पर रूस के एजेंट के तौर पर काम करने का आरोप लगाया है. निशिकांत दुबे का कहना है कि कांग्रेस को इसके लिए रूस से फंडिंग भी होती थी. भाजपा सांसद ने अपने दावे की पुष्टि के लिए सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर सीआईए की रिपोर्ट भी साझा की है. उन्होंने दावा किया है कि यह रिपोर्ट यूएस की इंटेलिजेंस एजेंसी ने 2011 में जारी की थी. निशिकांत दुबे के मुताबिक, "कांग्रेस के बड़े नेता एचकेएल भगत के नेतृत्व में 150 से ज्यादा कांग्रेस के सांसद सोवियत रूस के पैसे पर पलते थे. रूस के एजेंट के तौर पर काम करते थे?"

रूसी जासूसी संस्थानों के 1100 लोग हिंदुस्तान में थे...

इसके साथ ही, भाजपा सांसद ने तब की मीडिया की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े किए हैं. दावा किया कि तब करीब 16 हजार से ज्यादा आर्टिकल ऐसे थे, जो रूस की तरफ से छपवाए गए थे. उस जमाने में रूसी जासूसी संस्थानों के 1100 लोग हिंदुस्तान में थे. ये नौकरशाही, व्यापारी संगठनों, कम्युनिस्ट पार्टियों और ओपिनियन मेकर को अपने पॉकेट में रखते थे और भारत की नीति बनाते थे? उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि कांग्रेस की उम्मीदवार सुभद्रा जोशी ने लोकसभा चुनाव में उस वक्त जर्मन सरकार से पांच लाख रुपए लिए थे. हारने के बाद वो इंडो-जर्मन फोरम की अध्यक्ष बनीं.

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निशिकांत दुबे ने सवाल किया, "यह देश था या गुलामों, दलालों या बिचौलियों की कठपुतली कांग्रेस इसका जवाब दे, आज इस पर जांच हो या नहीं?" भाजपा सांसद की तरफ से साझा की गई रिपोर्ट में कहा गया है कि सोवियत संघ भारतीय राजनीति में गुप्त रूप से धन देता था, खासकर कांग्रेस को. मास्को ने सीपीआई और सीपीआई/एम जैसे दलों को भी फंड दिया.

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इस रिपोर्ट के मुताबिक, सोवियत संघ भारत में राजनयिक, व्यापार, पत्रकारिता और सांस्कृतिक क्षेत्रों में सक्रिय था. 1,100 से अधिक तकनीशियन और 10,000 पर्यटक सालाना आते थे.

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