यूक्रेन में फंसे 240 भारतीय नागरिकों को लेकर बुडापेस्ट से तीसरी फ्लाइट भी रविवार तड़के दिल्ली हवाई अड्डे पर उतर चुकी है. यूक्रेन और रूस के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है. युद्ध के चौथे दिन भी लगातार हमले होते रहे. ऐसे में भारत यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वहां से निकालने की पूरी कोशिश कर रहा है. शनिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारतीयों को निकालने के लिए भारत सरकार ने इस मिशन का नाम ऑपरेशन गंगा रखा है.
इससे पहले आज सुबह ही रोमानिया की राजधानी से यूक्रेन में फंसे 250 भारतीय नागरिकों को लेकर एयर इंडिया की दूसरी निकासी उड़ान रविवार को तड़के दिल्ली हवाई अड्डे पर उतरी थी. जहां मौजूद नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हवाई अड्डे पर यूक्रेन से आए लोगों का गुलाब देकर स्वागत किया. भारत ने शनिवार को यूक्रेन में रूसी सैन्य हमले के बीच फंसे अपने नागरिकों को निकालने की शुरुआत की. पहली उड़ान, एआई 1944 शाम को बुखारेस्ट से 219 लोगों को लेकर मुंबई आई. दूसरी उड़ान दिल्ली पहुंची.
एयर इंडिया ने ने ट्विटर पर सिंधिया की हवाई अड्डे पर निकासी की तस्वीरें साझा कीं. एयरलाइन ने कहा, "विमानन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भारतीय नागरिकों की आगवानी का. नागरिकों को 27 फरवरी की सुबह एआई 1942 द्वारा बुखारेस्ट से दिल्ली वापस लाया गया. युद्ध से तबाह यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए यह उड़ान संचालित की गई थी." इससे पहले यूक्रेन में फंसे अपने हजारों नागरिकों में से 219 लोगों के पहले जत्थे को भारत रोमानिया के रास्ते वापस ले आया है.
अभी भी अन्य लोगों को भी वापस लाने के प्रयास जारी हैं. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की के साथ बातचीत में भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी का मुद्दा उठाया था. रोमानिया की राजधानी बुखारेस्ट से पहली उड़ान शाम करीब 7:50 बजे मुंबई हवाई अड्डे पर पहुंची. केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने संकटग्रस्त यूक्रेन से लौटे लोगों की आगवानी की.
यूक्रेन में लगातार बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत ने युद्ध ग्रस्त इलाके से अपने लोगों की वापसी का अभियान तेज कर दिया है. हालांकि इस बीच ऐसी सूचना है कि यूक्रेन में भारतीय अधिकारियों को अपने लोगों को पड़ोसी देशों में ले जाने में कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यूक्रेन में फिलहाल करीब 16,000 भारतीय फंसे हुए हैं. जिन्हें निकालने की कोशिशें तेज की जा रही है.