रूस ने भारत को एस-400 मिसाइल प्रणाली के कुछ पुर्जों की आपूर्ति शुरू की

समझा जाता है कि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की दो हफ्ते पहले भारत यात्रा के दौरान भारत-रूस रक्षा संबंध पर चर्चा हुई थी. पिछले महीने रूस ने कहा था कि उसके खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों का असर भारत को एस-400 मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति पर नहीं पड़ेगा.

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रूस ने एस-400 ट्राइम्फ मिसाइल रक्षा प्रणाली की दूसरी खेप के कुछ पुर्जों की आपूर्ति भारत को शुरू कर दी है.
नई दिल्ली:

यूक्रेन पर जारी अपने हमलों के बीच रूस ने एस-400 ट्राइम्फ मिसाइल रक्षा प्रणाली की दूसरी खेप के कुछ पुर्जों की आपूर्ति भारत को शुरू कर दी है. घटनाक्रम से अवगत लेागों ने शुक्रवार को यह बताया. हालांकि, उन्होंने बताया कि इस खेप के सभी मुख्य हिस्सों की आपूर्ति अभी तक नहीं की गई है. यूक्रेन संकट के मद्देनजर रूस द्वारा भारत को बड़े सैन्य उपकरण की आपूर्ति में संभावित विलंब को लेकर नयी दिल्ली में चिंताएं बढ़ने के बीच यह आपूर्ति की जा रही है.

घटनाक्रम से अवगत एक व्यक्ति ने बताया, ‘‘रूस ने एस-400 मिसाइल प्रणाली की दूसरी खेप के कुछ पुर्जों की आपूर्ति शुरू कर दी है. इस खेप के सभी मुख्य हिस्सों की आपूर्ति की जानी अभी बाकी है.'' समझा जाता है कि आपूर्ति किये गये पुर्जों में ‘सिम्युलेटर' शामिल हैं. गौरतलब है कि रूस ने दिसंबर में एस-400 मिसाइल प्रणाली की पहली खेप की आपूर्ति शुरू की थी. देश में मिसाइल प्रणाली को इस तरह से तैनात किया गया है कि इसके दायरे में उत्तरी क्षेत्र में चीन से लगी सीमा और पाकिस्तान से लगा सीमांत आ जाए.

समझा जाता है कि रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव की दो हफ्ते पहले भारत यात्रा के दौरान भारत-रूस रक्षा संबंध पर चर्चा हुई थी. पिछले महीने रूस ने कहा था कि उसके खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों का असर भारत को एस-400 मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति पर नहीं पड़ेगा. रूसी राजदूत डेनिश अलीपोव ने कहा था, ‘‘जहां तक एस-400 सौदे की बात है, आश्वस्त रहें कि यह किसी भी तरह से प्रभावित नहीं होगा. इसकी 100 प्रतिशत गारंटी है.'' उल्लेखनीय है कि यूक्रेन पर रूस के हमला करने के बाद पश्चिमी देशों ने मास्को पर पिछले कुछ दिनों में कड़े प्रतिबंध लगाये हैं. भारत ने अक्टूबर 2018 में, एस-400 हवाई रक्षा मिसाइल प्रणाली की पांच इकाइयों को खरीदने के लिए रूस के साथ पांच अरब डॉलर के एक सौदे पर हस्ताक्षर किया था. हालांकि, अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने भारत को चेतावनी दी थी कि इस अनुबंध पर आगे बढ़ना अमेरिकी प्रतिबंधों को न्योता दे सकता है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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