तमिलनाडु के लिए केंद्र की बाढ़ सहायता पर चर्चा आज लोकसभा में बड़े पैमाने पर विवाद में बदल गई. डीएमके नेता टीआर बालू ने एक केंद्रीय मंत्री पर निशाना साधते हुए उन्हें 'सांसद या मंत्री बनने के लिए अयोग्य' करार दिया. वहीं बीजेपी ने पलटवार करते हुए डीएमके सांसद पर दलित मंत्री का अपमान करने का आरोप लगाया और उनसे माफी की मांग की.
डीएमके सांसद ए राजा और ए गणेशमूर्ति के बाढ़ के बाद तमिलनाडु को पुनर्निर्माण में सहायता के लिए उठाए गए कदमों पर, केंद्र से सवाल पूछने के बाद तीखी नोकझोंक हुई. जब टीआर बालू बोल रहे थे, तब तमिलनाडु से केंद्रीय मंत्री एल मुरुगन ने हस्तक्षेप किया और टिप्पणी की कि द्रमुक सदस्य 'बेमतलब' का सवाल पूछ रहे हैं.
इस पर नाराज होकर बालू ने कहा, "उन्हें (मुरुगन) कुछ अनुशासन जानना चाहिए. आप संसद सदस्य और मंत्री बनने के योग्य नही हैं. आपके पास हमारा सामना करने की हिम्मत नहीं है, हम आपको सिखाएंगे."
इस पर भाजपा की ओर से भी कड़ी प्रतिक्रिया आई. संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी खड़े हुए और सवाल किया कि टीआर बालू जैसा वरिष्ठ नेता एक मंत्री को 'अयोग्य' कैसे कह सकता है. जोशी ने कहा, "आप उन्हें अयोग्य कैसे कह सकते हैं? ये अनुचित है."
प्रह्लाद जोशी ने कहा, "आपको सवाल करने का अधिकार है, लेकिन आप हमारे मंत्री को अयोग्य नहीं कह सकते. आप ऐसा करने वाले कौन होते हैं?"
भाजपा और द्रमुक दोनों सदस्यों ने एक-दूसरे पर कटाक्ष किए और नारे लगाए, जिससे शोर-शराबा शुरू हो गया. हंगामा शांत होने के बाद, टीआर बालू ने फिर से कहा, ''वो राजनीति में रहने के लिए अयोग्य हैं.'' इसके बाद हंगामे का एक और दौर शुरू हो गया.
घटना पर डीएमके सांसद राजा ने समाचार एजेंसी एएनआई से बात की. उन्होंने कहा कि पार्टी के सदस्य इसलिए उत्तेजित थे, क्योंकि बाढ़ राहत पर सवालों पर केंद्र का जवाब टालमटोल करने वाला और गैर-जिम्मेदाराना था. उन्होंने कहा, "टीआर बालू कुछ सवाल पूछना चाहते थे, लेकिन एल मुरुगन ने उन्हें ये कहते हुए रोक दिया कि तमिलनाडु की मांगें उचित नहीं हैं." तब हमने कहा, 'आप तमिलनाडु से सांसद बनने के लायक नहीं हैं, क्योंकि आप इसके हितों के खिलाफ हैं.'
द्रमुक नेता ने कहा कि 'अयोग्य' कोई असंसदीय शब्द नहीं है. भाजपा के इस आरोप के बारे में पूछे जाने पर कि उन्होंने दलितों का अपमान किया है, डीएमके सांसदों ने कड़ा विरोध किया, राजा ने कहा, "मैं भी एक दलित हूं."
वहीं तमिलनाडु बीजेपी प्रमुख ने इस बयान पर टीआर बालू की आलोचना करते हुए कहा कि वो राजनीति के लिए अपमानजनक हैं और ये पहली बार नहीं है कि उन्होंने अनुसूचित जाति समुदाय के किसी सदस्य के बारे में अपमानजनक टिप्पणी की है.