RSS की इकाई BMS ने की मोदी सरकार और नीति आयोग की आलोचना, औद्योगिक और श्रम नीतियों को बताया ‘जनविरोधी‘

बीएमएस महामंत्री विनय कुमार सिन्हा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड के कर्मचारियों एवं प्रबंधन के बीच वेतन समीक्षा वार्ता चल रही थी लेकिन लिमिटेड ने कर्मचारियों को बस तीन फीसद वृद्धि की पेशकश कर नकारात्मक रवैया अपना लिया.

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13-17 जुलाई तक के लिए बीएमएस की कार्यशाला जारी है
नागपुर:

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के आनुषांगिक संगठन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) ने शनिवार को नीति आयोग की उसकी ‘जन-विरोधी नीतियों' को लेकर आलोचना की. यहां 13-17 जुलाई तक के लिए बीएमएस की कार्यशाला जारी है जिसमें संगठन की 32 इकाइयों के 120 पदाधिकारी हिस्सा ले रहे हैं. बीएमएस महामंत्री विनय कुमार सिन्हा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि कोल इंडिया लिमिटेड के कर्मचारियों एवं प्रबंधन के बीच वेतन समीक्षा वार्ता चल रही थी लेकिन लिमिटेड ने कर्मचारियों को बस तीन फीसद वृद्धि की पेशकश कर नकारात्मक रवैया अपना लिया.

उन्होंने कहा, ‘‘ कर्मचारियों ने न्यूनतम गारंटी लाभ में 50 फीसदी वृद्धि की मांग की है . हम सम्मानजनक हल चाहते हैं. कार्यशाला में इस ज्वलंत मुद्दे पर चर्चा हुई. हम यह भी चाहते हैं कि केंद्र सरकार यथाशीघ्र श्रम संहिताएं लागू करे. '' सिन्हा ने कहा कि पारिश्रमिक एवं सुरक्षा संहिता ऐतिहासिक है और इसमें कर्मचारियों एवं नियोक्ताओं के लिए ढेरों फायदे हैं, लेकिन औद्योगिक संबंध संहिता, पेशागत सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशा संहिता के कुछ प्रावधान कर्मचारियों के हित में नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘‘पहले योजना आयोग सुझाव दिया करता था. लेकिन अब उसकी जगह आये नीति आयोग में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रतिनिधि भरे हुए हैं और वे ऐसे सुझाव दे रहे हैं जो जन या समाजोन्मुखी नहीं है. दुर्भाग्य से सरकार उनके सुझावों पर आगे बढ़ रही है.''

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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