दिग्गज आईटी कंपनी इंफ़ोसिस (Infosys) के बाद अब अमेरिकी दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी एमेज़ॉन (Amazon) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के मुखपत्र 'पाञ्चजन्य' के निशाने पर आ गई है. पत्रिका ने 3 अक्टूबर के नए अंक में अपने कवर पेज पर एमेज़ॉन के संस्थापक और चेयरमैन जेफ बेजोस की तस्वीर छापी है और पूछा है कि आखिर उनकी कंपनी ऐसा क्या गलत करती है कि उसे घूस देने की जरूरत पड़ती है?
पत्रिका ने पूछा है कि क्यों इस भीमकाय कंपनी को देसी उद्यमिता, आर्थिक स्वतंत्रता और संस्कृति के लिए खतरा मानते हैं लोग? कवर पेज पर एमेज़ॉन को ईस्ट इंडिया कंपनी 2.0 के तौर पर दिखाया गया है.
इससे पहले इंफ़ोसिस पर हमले के बाद संघ को सफाई देनी पड़ी थी और संघ ने खुद को इस पत्रिका के लेख से अलग कर लिया था. आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा था कि पांचजन्य आरएसएस का मुखपत्र नहीं है और लेख लेखक की राय को दर्शाता है, इसे संगठन से नहीं जोड़ा जाना चाहिए. केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने भी कहा था कि इंफ़ोसिस के बारे में ऐसा नहीं कहना चाहिए था.
बता दें कि हाल ही में एमेज़ॉन द्वारा मोटी कानूनी फ़ीस देने पर सवाल उठा है. इसके खिलाफ कंपनी ने खुद आंतरिक जांच शुरू की है. सरकार ने भी घूस देने के आरोपों की जाँच की बात कही है.
"क्या आप सरकार को देशद्रोही कहेंगे...?" इन्फोसिस के बचाव में RSS की पत्रिका पर बरसे रघुराम राजन
पांचजन्य ने 5 सितंबर के संस्करण में, इन्फोसिस पर ‘साख और आघात'' शीर्षक से चार पृष्ठों की कवर स्टोरी छापी थी, जिसमें इसके संस्थापक नारायण मूर्ति की तस्वीर कवर पेज पर थी.. लेख में बेंगलुरु स्थित कंपनी पर निशाना साधा गया था और इसे ‘ऊंची दुकान, फीके पकवान' करार दिया गया था. इसमें यह भी आरोप लगाया गया था कि इंफोसिस का ‘‘राष्ट्र-विरोधी'' ताकतों से संबंध है और इसके परिणामस्वरूप सरकार के आय कर पोर्टल में गड़बड़ की गई है.