आरएसएस आज अपने स्थापना के 100वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. डॉ. बलराम कृष्ण हेडगेवार ने 1925 में विजयादशी के दिन आरएसएस की स्थापना की थी. PM मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, "राष्ट्र सेवा में समर्पित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ यानि आरएसएस आज अपने 100वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है. अविरल यात्रा के इस ऐतिहासिक पड़ाव पर समस्त स्वयंसेवकों को मेरी हार्दिक बधाई और अनंत शुभकामनाएं.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा आयोजित विजयादशमी उत्सव नागपुर में धूमधाम के साथ शुरू हुआ. इस अवसर पर संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शस्त्र पूजन किया. कार्यक्रम में इसरो के पूर्व चेयरमैन डॉ. के. राधाकृष्णन मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे.
मोदी सरकार के सिद्धांतों का किया समर्थन
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में आयोजित विजयादशमी उत्सव में उपस्थित स्वयंसेवकों को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार के कुछ प्रमुख सिद्धांतों का समर्थन किया. उनके भाषण में भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा, देश की प्रगति, शांतिपूर्ण चुनावों की प्रक्रिया, और विभिन्न चुनौतियों का सामना करने की बात शामिल थी.
मोहन भागवत ने 'वसुधैव कुटुम्बकम्' के सिद्धांत की प्रशंसा करते हुए कहा कि इसे अब दुनिया भर में व्यापक रूप से स्वीकार किया जा रहा है. उन्होंने भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा को अपने चरम पर बताते हुए देश की मजबूत राजनीतिक स्थिति के लिए सराहना व्यक्त की.