- सुप्रीम कोर्ट ने आवारा कुत्तों को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट करने के आदेश दिए थे, जिसके खिलाफ प्रदर्शन हुए थे
- राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आवारा कुत्तों की आबादी नियंत्रण की आवश्यकता बताई है
- मोहन भागवत ने कहा कि केवल कुत्तों को सुरक्षित जगह पर शिफ्ट करना समस्या का प्रभावी समाधान नहीं है
दिल्ली-एनसीआर से आवारा कुत्तों को हटाकर एक सुरक्षित जगह पर रखने का मामला फिलहाल सुप्रीम कोर्ट में हैं. सुप्रीम कोर्ट ने 11 अगस्त को आवारा कुत्तों को लेकर ये आदेश दिया था, इसके बाद दिल्ली में कई संगठनों ने इस आदेश के खिलाफ प्रदर्शन किया. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के लिए एक नई बेंच का गठन किया है. इन सब के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने आवारा कुत्तों को लेकर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि आवार कुत्तों की बढ़ती आबादी को नियंत्रित करने की जरूरत है.
NCR के लिए भी आया था आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने एनसीआर दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद के उपयुक्त अधिकारियों को निर्देश दिया था कि वो तुरंत कुत्तों के लिए आश्रय/पाउंड बनाएं और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ऐसे बुनियादी ढांचे के निर्माण की रिपोर्ट इस न्यायालय को दें. इस संबंध में एक रिपोर्ट 8 सप्ताह की अवधि के भीतर इस न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत की जाएगी. किसी भी परिस्थिति में, इन आवारा कुत्तों को उनके स्थानांतरण के बाद फिर से सड़कों पर नहीं छोड़ा जाना चाहिए. इस संबंध में संबंधित अधिकारियों द्वारा नियमित रूप से उचित रिकॉर्ड बनाए रखा जाना चाहिए. आवारा कुत्तों को पशु जन्म नियंत्रण नियम, 2023 के अनुसार पकड़ा जाएगा, उनकी नसबंदी की जाएगी, कृमिनाशक दवा दी जाएगी और उनका टीकाकरण किया जाएगा और जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, उन्हें वापस नहीं छोड़ा जाएगा.
आश्रय गृहों का हो निर्माण
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह यह भी स्पष्ट करता है कि आवारा कुत्तों को इकट्ठा करने का कार्य और साथ ही उनके पुनर्वास, नसबंदी, कृमिनाशक दवा देने और टीकाकरण के लिए आश्रयों/पाउंडों के रूप में आवश्यक बुनियादी ढांचे का निर्माण, दोनों एक साथ किए जाएंगे. हम संबंधित अधिकारियों से आश्रयों/पाउंडों के निर्माण की प्रतीक्षा के बहाने थोड़ी सी भी सुस्ती नहीं सुनना चाहते, नहीं तो हम इन अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे.