LIC IPO : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से संबद्ध भारतीय मजदूर संघ (BMS)में भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का IPO (Initial Public Offering)लाने का विरोध किया है. संगठन ने इसे एलआईसी के निजीकरण की दिशा में पहला कदम बताया है. BMS का मानना है कि इस कदम से भारतीय जीवन बीमा निगम की जॉब, वेज और सोशल सिक्युरिटी प्रभावित होगी. भारतीय मजदूर संघ के महासचिव विनय कुमार सिन्हा ने NDTV से कहा, 'हम LIC के IPO लाने की निंदा करते है.यह एलआईसी के निजीकरण की तरफ कदम बढ़ाना होगा.' BMS ने सरकार की निजीकरण की नीति के खिलाफ आंदोलन छेड़ने का निर्णय किया है. संघ 17 नवंबर 2022 को सरकारी कंपनियों के निजीकरण के खिलाफ रैली आयोजित करेगा, जिसमें इंश्योरेंस सेक्टर से जुड़े लाखों कर्मचारी और इंश्योरेंस एजेंट भाग लेंगे.
गौरतलब है कि एलआईसी कर्मचारी यूनियन ने भी आईपीओ लाने का विरोध किया है. यूनियन ने तय किया है कि वह 28 और 29 मार्च को ट्रेड यूनियन द्वारा बुलाई गई हड़ताल का समर्थन करेंगे और इन 2 दिनों में करीब सवा लाख इंश्योरेंस सेक्टर के कर्मचारी हड़ताल करेंगे. यह भी तय किया गया है कि जिस दिन आईपीओ जारी होगा उस दिन पूरे देश में एलआईसी के कर्मचारी विरोध प्रदर्शन करेंगे.LIC कर्मचारी यूनियन का आरोप है कि सरकार आईपीओ के जरिए एलआईसी का निजीकरण बड़े स्तर पर करने की कवायद में जुटी है.
समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा के मुताबिक, IPO के जरिए सरकार एलआईसी की पांच प्रतिशत हिस्सेदारी की पेशकश कर रही है. मसौदा रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय फर्म मिलिमन एडवाइजर्स ने 30 सितंबर 2021 तक एलआईसी का एम्बेडेड मूल्य लगभग 5.4 लाख करोड़ रुपये आंका है. क्रिसिल की रिपोर्ट के मुताबिक एलआईसी जीवन बीमा प्रीमियम के मामले में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी कंपनी है.गौरतलब है कि एलआईसी के आईपीओ में 5 फीसदी हिस्सेदारी बेचने की तैयारी है. इसमें जीवन बीमा निगम के पॉलिसीधारिकों को भी हिस्सा लेने का मौका दिया जाएगा. उनके लिए 10 फीसदी हिस्सा आरक्षित होगा. उन्हें आईपीओ निर्गम मूल्य में छूट भी दी जाएगी.