'ठीक से समझा नहीं गया...' पहलगाम आतंकी हमले को लेकर दिए बयान पर रॉबर्ट वाड्रा की सफाई

बता दें कि वाड्रा ने पहलगाम घटना पर कहा था कि देश के मुसलमान कमजोर महसूस कर रहे हैं और यह घटना पीएम मोदी के लिए एक संदेश है. इस बयान के चलते वाड्रा की काफी आलचोना की गई थी.

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मैं उस भयानक आतंकवादी हमले की पूरी तरह निंदा करता हूं: वाड्रा
नई दिल्ली:

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुई आतंकी घटना पर अपने पुराने बयान को लेकर विवादों में आए कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी के पति रॉबर्ट वाड्रा ने सफाई दी है. उन्होंने कहा कि मैं भारत के साथ खड़ा हूं और हमेशा खड़ा रहूंगा.
सोमवार को उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि मैं ये शब्द पूरी ईमानदारी और सच्चाई के साथ लिख रहा हूं. इसलिए मैं चाहता हूं कि इसे उसी भावना से लिया जाए. वाड्रा ने कहा कि मैंने पहले जो कहा उसे उसके संपूर्ण संदर्भ में पूरी तरह से नहीं समझा गया है क्योंकि मेरे इरादों की गलत व्याख्या की गई है.

उन्होंने आगे लिखा, "चलिए मैं मानता हूं कि उन्हें स्पष्ट करना मेरी जिम्मेदारी है. मैं ईमानदारी, पारदर्शिता और सम्मान के साथ खुद को स्पष्ट करने के लिए प्रतिबद्ध हूं. मैंने कुछ दिनों तक मौन रहने का विकल्प चुना है. लेकिन, इसे निष्क्रियता, उदासीनता या देशभक्ति की कमी के रूप में न समझा जाए. वास्तव में, यह मेरे देश के प्रति मेरे गहरे प्रेम, सत्य के प्रति मेरे अगाध सम्मान और ईमानदारी के प्रति मेरी प्रतिबद्धता के कारण ही है कि मैंने बोलने से पहले चिंतन करने के लिए समय निकाला है."

हमले की पूरी तरह निंदा करता हूं

वाड्रा ने कहा, "मैं इस बारे में स्पष्ट कर दूं कि मैं कहां खड़ा हूं और हमेशा से कहां खड़ा रहा हूं, मैं उस भयानक आतंकवादी हमले की पूरी तरह निंदा करता हूं. जिसमें निर्दोष लोगों की जान गई और परिवार बिखर गए. मैं हमेशा भारत के साथ खड़ा हूं और खड़ा रहूंगा. उन्होंने आगे लिखा कि कोई भी औचित्य नहीं है- राजनीतिक, धार्मिक या वैचारिक- जो कभी भी असहाय लोगों के खिलाफ हिंसा के इस्तेमाल को माफ कर सके."

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वाड्रा ने अंत में महात्मा गांधी के अहिंसक मंत्र की याद दिलाई. आगे लिखा, "मेरा मानना है कि किसी भी रूप में आतंक, न केवल व्यक्तियों पर बल्कि मानवता की आत्मा पर हमला है. यह हर इंसान के बिना डरे जीने के मूल अधिकार को खत्म कर देता है. कोई भी कारण इतना उचित नहीं है कि निर्दोष लोगों के खून बहाने को सही ठहराया जा सके. मैं हम सभी से यह याद रखने का आह्वान करता हूं कि गांधी जी ने हमें क्या सिखाया, अहिंसा निष्क्रिय नहीं है. यह सबसे साहसी विकल्प है जो हम चुन सकते हैं."

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बता दें कि वाड्रा ने पहलगाम घटना पर कहा था कि देश के मुसलमान कमजोर महसूस कर रहे हैं और यह घटना पीएम मोदी के लिए एक संदेश है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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