आस्था का महापर्व महाकुंभ मेले का आगाज भारत ही नहीं बल्कि विश्व पटल पर यह महापर्व लोगों को आकर्षित करता है. मान्यता है कि महाकुंभ में स्नान के बाद शारीरिक अशुद्धियां दूर हो जाती है. हर पापों से मुक्ति मिलती है मन शुद्ध होता हैं. और मोक्ष की प्राप्ति होती है. क्योंकि पवित्र नदियों का जल अमृत के समान पवित्र होता है. इसकी तैयारी युद्ध स्तर पर चल रही है. उत्तर प्रदेश सरकार कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. कुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा संस्कृति एवं धार्मिक मेला है. जिसका आयोजन भारत में होता है. महाकुंभ को लेकर परिवहन निगम की 3000 हजार बसें गोरखपुर से चलेंगी. जिसमें यूपी के अलग अलग जिलो की बस शामिल है. जिसकी तैयारी युद्ध स्तर पर तैयारी चल रही है. सभी बसों की डेंटिंग-पेंटिंग का काम राप्ति नगर डिपो में चल रहा है. जो 31 दिसंबर तक फाइनल हो जाएगा. बस के बाहर स्टीकर लगा हुआ है. पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ के मुस्कुराते चेहरे के साथ भगवामय बस और लग्जरियस बस जैसी सुविधा के साथ श्रद्धालु महाकुंभ तक सफर करेंगे.
महाकुंभ से जुड़ी ये मान्यता
महाकुंभ को लेकर मान्यता है कि समुद्र मंथन के दौरान अमृत पाने के लिए देव और दानवों में 12 दिन तक युद्ध चला. फिर भगवान विष्णु के कहने पर गरुड़ ने अमृत का कलश का रक्षा करने पहुंचे और उसे अपने हाथों में ले लिया. उसी दौरान असुरों ने जब गरुड़ जी से अमतृ कलश छीनने का प्रयास किया तो उस समय कलश से अमृत की कुछ बूंदें छलक कर 4 स्थानों पर गिरी. इलाहाबाद, नासिक, हरिद्वार और उज्जैन में. 12 साल बाद आने वाले महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर परिवहन निगम यूपी के अलग-अलग जिलों से और गोरखपुर परिक्षेत्र से लगभग 3000 हजार बसों को चलाने का फैसला लिया है. सारी बस गोरखपुर से होते हुए प्रयागराज तक पहुंचेंगी. अनुमान है कि गोरखपुर परिक्षेत्र से 5 के आस पास श्रद्धालु स्नान और दर्शन कर सकेंगे.
भगवा रंग में रंगी जा रही बसें
उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश पर परिवहन निगम उत्तर प्रदेश द्वारा गोरखपुर राप्ती नगर डिपो पर खराब पड़ी बसों को नए तरीके से तैयार कर रहा है. जिसका डेंटिंग पेंटिंग का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है और बसों को पूरी तरह से बनाने के बाद उसे भगवा मय किया जा रहा है. गोरखपुर परिक्षेत्र की 390 बस इसमें शामिल है. अन्य बस उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से गोरखपुर के राप्ती नगर डिपो पर लाई गई है. जिनका डेंटिंग पेंटिंग का कार्य चल रहा है. अधिकतर बसें पश्चिम की तरफ से मंगाई गईं हैं. कुछ नई बसों को मंगाने की भी व्यवस्था परिवहन निगम द्वारा किया जा रहा है.
बसों पर पीएम मोदी और यूपी सीएम की तस्वीर
प्रयागराज महाकुंभ मेला के लिए पूर्वी उत्तर प्रदेश का गोरखपुर परिक्षेत्र बेहद खास स्थान रखता है. इसलिए उन बसों को भगवा कलर में किया जा रहा है. भगवा मय बस के साथ उस बस में लग्जरियस बसों की सीटें होती हैं. इस तरह इस बस में आनंद मिलेगा क्योंकि सारी बसों में नई सीटों को लगाया जा रहा हैं. नई सीटों का लुक ही कुछ और खास है क्योंकि ठंड का मौसम है. केवल ऐसी की सुविधा नहीं मिलेगी पर आनंद भरपूर आएगा. भगवा मय बस, और बस के अंदर लगे पकड़े वाले राड में भगवा फीता भी दिखेगा और खास बातें हैं कि जो बस महाकुंभ में जाएगी. उस पर पीएम मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बाकायदा बस पर फोटो भी लगाया जा रहा है. जिस पर लिखा हुआ हैं" *ज्ञान भक्ति एवं कर्म की त्रिवेणी में डुबकी लगाने "आओ चले महाकुंभ. उसके बगल में पीएम मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ का मुस्कुराता हुआ चेहरा दिखेगा.
3000 बसे चलाने का प्लान
ये सभी बसें गोरखपुर परिक्षेत्र के 38 स्थानों से होकर महाकुंभ मेला के लिए जाएंगी और आएंगी. जिनके लिए 15 प्वाइंट बनाए गए हैं. गोरखपुर परिक्षेत्र के सभी बस डिपो में, महाकुंभ के दौरान,यात्री सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है. इस परिक्षेत्र में गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, बस्ती, संतकबीरनगर और सिद्धार्थनगर जिलों में आने वाले बस डिपो शामिल हैं. उसके बाद सारी बसें उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिलों से खासकर पश्चिम की तरफ से ज्यादा मंगाई जा रही है. राप्ती नागर डिपो के अशोक कुमार सिंह सहायक क्षेत्री प्रबंधक ने बताया कि गोरखपुर से हम लोग 3000 बसों को चलाने का प्लान बनाया है. जिसमें गोरखपुर क्षेत्र की 390 बसे हैं. और 2100 बाहरी क्षेत्र से भी हम लोगों ने गाड़ियां मंगाई है. हमारे गोरखपुर क्षेत्र में 15 से 16 पॉइंट है जहां से गाड़ियां निकलती हैं .वहां पर बाहरी क्षेत्र की गाड़ियां लगाई जाएंगी. हमारे राप्ती नगर डिपो में 62 गाड़ियां लगानी है. जिसमें 32 गाड़ियां बड़हलगंज रूट पर लगेंगी. 10 गाड़ियां मुफलिसपुर 10 खजनी और 10 मालनपार में लगाई जाएंगी. साथ में प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में भी गाड़ियां चलेगी.
बसों की डेंटिंग पेंटिंग का काम जारी
बसों की डेंटिंग पेंटिंग का जो कार्य चल रहा है उसकी डेड लाइन 31 दिसंबर तक रखी गई है. 31 दिसंबर तक कार्य पूरे हो जाएंगे. बसों को भगवा कलर में पेंट कराया जाएगा. यह हमारे कार्य योजना है, हमारे पास जो नई गाड़ियां आ रही है उन्हें हम लोग पहले प्रोवाइड करेंगे. बाकी गाड़ियां डेंट पेंट होकर सही हो जाएगी. श्रद्धालुओं को किसी भी प्रकार की कोई असुविधा नहीं होगी. बाहर के क्षेत्र की जो गाड़ियां आएंगी, श्रद्धालु जिसमें आएंगे पहली बार वह गोरखपुर आएंगे . उसके बाद सभी अपने पॉइंट पर जाकर डिप्लाइड हो जाएंगे. उसके बाद यहां पर अलग-अलग जगह पर लगे हुए पॉइंट की बसों से वह प्रयागराज तक जाएंगे, फिर प्रयागराज से इस बस से पुनः गोरखपुर आएंगे. जो प्रयागराज से जाने और आने वाले श्रद्धालु हैं जिस बिंदु से जाएंगे उसी बिंदु पर वापस आयेंगे. वह गाड़ियां उनको वहीं छोड़ेगी. आखिरी बार जब गाड़ियां गोरखपुर आएगी तो यहां से श्रद्धालु अपने-अपने क्षेत्र में जाएंगे .
श्रद्धालुओं के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया
अशोक कुमार सिंह सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक राप्ती नगर डिपो ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए कंट्रोल रूम बनाया गया है, सैटेलाइट कंट्रोल रूम है. डायरेक्टरी भी हम लोगों की बाकायदा रहेगी. सबको नंबर दिया रहेगा. किसी को कोई दिक्कत होगी तो उसे पर वह कॉल कर सकता है वहां पर जो नजदीक सेंटर होगा वह कनेक्ट होगा. बाकी हम लोगों के टेक्निकल सपोर्ट मोबाइल वर्कशॉप रहेगा. हमारा प्रवर्तन दल भी रहेंगा. बीच-बीच में अगर जाम की स्थिति फंसती है तो वह लोग पुलिस से संपर्क करके जाम की व्यवस्था हटवाएंगे और श्रद्धालुओं को सुगम रूप से पहुंचाएंगे. अशोक कुमार सिंह सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक राप्ती नगर डिपो ने बताया कि जो श्रद्धालु यहां से जायेंगे उन्हें उसका किराया देना होगा और प्रयागराज में सटल सेवा है और जो हमारा अस्थाई स्टेशन है. वहां से महाकुंभ तक फ्री सेवा रहेगी. झूसी और दुर्जनपुर से बसों के माध्यम से श्रद्धालु को ले जाएंगे. वहां से संगम तक सटल सेवा लगी हुई है. वहां पर भी गोरखपुर परिक्षेत्र की 50 बसे लगेंगे, वहां से नहाने के बाद अस्थाई स्टेशन तक श्रद्धालु फ्री जैसे जायेंगे उसी पुनः फ्री में वापस आएंगे. फिर वहां से बस सेवा के मार्ग से अपने स्थान तक जाएंगे.