नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास परियोजना से होगा कायाकल्प, आरएफक्यू बिड खोला

रेल भूमि विकास प्राधिकरण की महत्वाकांक्षी परियोजना, रिक्वेस्ट फॉर क्वालिफिकेशन को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय फ़र्मों की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली

Advertisement
Read Time: 25 mins
नई दिल्ली:

रेल भूमि विकास प्राधिकरण (RLDA) ने नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के पुनर्विकास के लिए आरएफ़क्यू बिड खोल दिया है. इस डेवलपमेंट पिच को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय फ़र्मों की जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है. इस आरएफ़क्यू में नौ अग्रणी वैश्विक और राष्ट्रीय कंपनियों ने हिस्सा लिया. ये कंपनियां अब तकनीकी मूल्यांकन से गुजरेंगी. अगले चरण में आरएलडीए उन चुनिंदा प्रतिभागियों के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (RFP) जारी करेगा, जो तकनीकी प्रक्रिया में योग्य हैं. इस चरण से पहले आरएलडीए द्वारा प्री-बिड मीटिंग्स और वर्चुअल रोडशो भी आयोजित किया गया था, जिसमें विभिन्न स्टेकहोल्डर्स को परियोजना के बारे में अवगत करवाया गया था और उनसे फीडबैक ली गई थी.

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पुनर्विकास, रेल भूमि विकास प्राधिकरण की एक महत्वाकांक्षी परियोजना है और यह दिल्ली-एनसीआर की पहली परियोजना है जिसे ट्रांजिट-ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) कांसेप्ट पर पुनर्विकसित किया जाएगा. इस परियोजना में पूंजी व्यय लगभग 680 मिलियन अमरीकी डॉलर होने की उम्मीद है और इसे डिजाइन-बिल्ड फाइनेंस ऑपरेट ट्रांसफर (डीबीएफ़ओटी) मॉडल पर विकसित किया जाएगा. यह परियोजना डेवलपर को कई रिवेन्यू स्ट्रीम प्रदान करती है, जिसमें 60 वर्षों की अवधि के लिए रियल एस्टेट राइट्स से रिवेन्यू भी शामिल है. परियोजन को लगभग चार वर्षों में पूरा किया जाना है. 

रेलवे भूमि विकास प्राधिकरण के वाइस-चेयरमैन श्री वेद प्रकाश डुडेजा ने कहा, "नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का पुनर्विकास हमारी महत्वाकांक्षी परियोजना में से एक है, जो एनसीआर के आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करेगी. परियोजना ने विभिन्न राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्टेकहोल्डर्स को आकर्षित किया है. यह परियोजना स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ाने, रोजगार के अवसर पैदा करने के साथ-साथ पर्यटन क्षमता को भी बढ़ाएगा और आकांक्षापूर्ण भारत के लिए समावेशी विकास सुनिश्चित करेगा."

Advertisement

स्टेशन रणनीतिक रूप से दिल्ली के केंद्र में स्थित है और दिल्ली के प्रमुख वाणिज्यिक केंद्र कनॉट प्लेस से काफी नजदीक है. स्टेशन विभिन्न नई सुविधाओं से सुसज्जित होगी, जिसमें गुंबद के आकार की टर्मिनल बिल्डिंग जिसमें दो-आगमन और दो-प्रस्थान होंगे, स्टेशन के दोनों तरफ दो मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट हब (एमएमटीएच), 40 मंजिल ऊंचे ट्विन टॉवर (होटल/कार्यालय और पोडियम) और हाई स्ट्रीट खरीदारी के साथ पैदल यात्रियों के लिए अलग मार्ग शामिल होगा. परिवहन एकीकरण और विकास के लिए स्टेशन को एक बहु-मॉडल केंद्र के रूप में प्रस्तावित किया गया है. पैदल यात्री आवाजाही, साइकिल ट्रैक, ग्रीन ट्रैक और गैर-मोटर चालित वाहन को प्रस्तावित विकास योजना में एकीकृत किया गया है.

Advertisement

स्टेशन का विकास मल्टी-मॉडल परिवहन एकीकरण और विकास सुनिश्चित करने के लिए किया जाएगा. यह एयरपोर्ट एक्सप्रेस लाइन मेट्रो के माध्यम से आईजीआई एयरपोर्ट और दिल्ली मेट्रो की येलो लाइन के माध्यम से दिल्ली एनसीआर के साथ जुड़ा हुआ है. स्टेशन के दोनों तरफ डीटीसी बस स्टॉप भी है.

Advertisement

स्टेशन का मास्टर प्लान एरिया लगभग 120 हेक्टेयर का है, जिसमें से 88 हेक्टेयर को फेज-1 (परियोजना) में शामिल किया गया है. आरएलडीए इस मास्टर प्लान के लिए अनुमोदन प्राधिकारी है. आरएलडीए मास्टर प्लान के लिए अनुमोदन प्राधिकारी है वहीं, विभिन्न सिविक एजेंसियों के बीच समन्वय सुनिश्चित करने, अनुमोदन और मंजूरी को तेज करने के लिए, दिल्ली के माननीय उपराज्यपाल की अध्यक्षता में एक सर्वोच्च समिति का भी गठन किया गया है. 

Advertisement

आरएलडीए वर्तमान में 62 स्टेशनों पर चरणबद्ध तरीके से काम कर रहा है, जबकि इसकी सहायक कंपनी, आईआरएसडीसी अन्य 61 स्टेशनों पर कार्य कर रही है. पहले चरण में, आरएलडीए ने पुनर्विकास के लिए नई दिल्ली, तिरुपति, देहरादून, नेल्लोर और पुदुचेरी जैसे प्रमुख स्टेशनों को प्राथमिकता दी है. भारत सरकार द्वारा शुरू की गई स्मार्ट सिटी परियोजनाओं के एक हिस्से के रूप में देश भर के रेलवे स्टेशनों को पीपीपी मॉडल पर पुनर्विकास किया जाएगा. 

रेल भूमि विकास प्राधिकरण (आरएलडीए) रेलवे भूमि के विकास के लिए रेल मंत्रालय के अंतर्गत एक संवैधानिक प्राधिकरण है. वर्तमान में आरएलडीए चार प्रकार के प्रोजेक्ट्स के लिए जमीन लीज पर दे रही है. इसमें कमर्शियल/रेजीडेंसियल साइट्स, कॉलोनी पुनर्विकास, स्टेशन पुनर्विकास और मल्टी फंक्शनल कम्प्लेक्स शामिल हैं. 

आरएलडीए के पास लीज पर देने के लिए देश भर में 84 कमर्शियल (ग्रीनफ़ील्ड) साइटें हैं, और प्रत्येक के लिए पात्र डेवलपर्स को एक खुली और पारदर्शी बोली प्रक्रिया के माध्यम से चुना जाएगा. आरएलडीए वर्तमान में 84 रेलवे कॉलोनी पुनर्विकास परियोजनाओं को संभाल रहा है और हाल ही में पुनर्विकास के लिए गुवाहाटी में एक रेलवे कॉलोनी को लीज पर दिया है.

Featured Video Of The Day
One Nation One Election: S. Y. Quraishi क्यों मानते हैं कि सरकार का ये प्रस्ताव Practical नहीं है?