बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने केंद्र सरकार की उस लैटरल एंट्री स्कीम पर सवाल उठाए हैं, जिसके तहत भारत सरकार की नौकरियों में सीधे ज्वाइंट सेक्रेटरी या डायरेक्टर पद पर संविदा के तहत बहाली होनी है. तेजस्वी ने सवाल उठाए हैं कि क्या ये वंचित समूह को दिए गए आरक्षण (Reservation) को दरकिनार करने या उसे कमतर करने की कोशिश नहीं है?
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के एक ट्वीट पर सवाल उठाते हुए RJD नेता ने उनसे पूछा है कि क्या यह आरक्षण को कमतर करने की कोशिश नहीं है? तेजस्वी ने ट्वीट किया है, "आपको यह बताना चाहिए कि क्या यूपीएससी की चयन प्रक्रिया 'राष्ट्र निर्माण' के लिए 'इच्छुक, प्रेरित और प्रतिभाशाली' उम्मीदवारों का चयन सुनिश्चित करने में विफल हो रही है या चुनिंदा लोग ज्यादा हैं? क्या यह वंचित वर्गों के लिए दिए गए आरक्षण को दरकिनार और कम करने की एक और चाल नहीं है? आपकी प्रतिक्रिया का इंतजार!"
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इससे पहले निर्मला सीतारमण ने ट्वीट किया था, "संविदा आधार पर संयुक्त सचिव स्तर और निदेशक स्तर के पदों के लिए पार्श्व भर्ती. इच्छुक उम्मीदवार 6 फरवरी 2021 से 22 मार्च 2021 तक आवेदन कर सकते हैं."
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केंद्र सरकार ने वित्त, वाणिज्य, कृषि, कानून, शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क-परिवहन, जल शक्ति, स्किल डेवलपमेंट, उपभोक्ता मामलों समेत कुल 12 मंत्रालयों के लिए ऐसी भर्ती का विज्ञापन निकाला है. इसके लिए 6 फरवरी से 22 मार्च तक आवेदन किए जाएंगे.