बिहार में इन दिनों सियासत गरमाई हुई है. चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के बिहार में पदयात्रा करने के ऐलान के बाद विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने भी पदयात्रा करने की बात कही है. बताते चलें कि तेजस्वी बिहार में जातिगत जनगणना की अपनी मांग को दोहराते रहे हैं. राजद नेता ने इस मुद्दे पर नीतीश कुमार सरकार के ढुलमुल रवैए के विरोध में पटना से दिल्ली तक की पदयात्रा घोषणा की है. उन्होंने यह ऐलान सोमवार शाम अपने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक के बाद किया है.
तेजस्वी का दावा है कि उनकी पहल और दबाव के कारण विधानसभा में इस सम्बंध में ना केवल प्रस्ताव पारित हुआ, बल्कि नीतीश कुमार सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ दिल्ली में जाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाक़ात भी की. वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सोमवार को जब इस सम्बंध में पूछा गया तो उन्होंने सर्वदलीय बैठक कराने की अपनी पुरानी बात दोहराई, लेकिन कब इसका आयोजन करेंगे और कब अगला कदम उठायेंगे, यह नहीं बताया.
बताते चलें कि हाल ही में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर भी बिहार में पदयात्रा करने की बात दोहरा चुके हैं. उन्होंने 2 अक्टूबर से बिहार में 3000 किलोमीटर की पदयात्रा का ऐलान किया है. प्रशांत किशोर ने कहा कि स्वास्थ्य से लेकर रोजगार तक बिहार की स्थिति बहुत खराब है. बिहार पूरे देश में सबसे निचले पायदान पर है. यह मैं नहीं कह रहा, बल्कि भारत सरकार के आंकड़े कह रहे हैं. लालू और नीतीश कुमार के 30 साल के शासन के बाद भी बिहार पिछड़ा राज्य है. अगर बिहार को आगे बढ़ाना है तो सबको आगे आना होगा. इसके लिए नई सोच और नए प्रयास की जरूरत है.
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