राष्ट्रीय जनता दल नेता शिवानंद तिवारी (Shivanand Tiwari) ने लोकसभा में आज केंद्रीय मंत्री स्मृति मिश्रा के आक्रामक तेवरों को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं. संसद में आज कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी से जुड़े 'राष्ट्रपत्नी' टिप्पणी विवाद के बाद सोनिया गांधी (Sonia Gandhi)और स्मृति ईरानी (Smriti Irani) के बीच नोकझोंक की स्थिति बनी है. शिवानंद ने गुरुवार को एक फेसबुक पोस्ट में स्मृति ईरानी के आक्रामक अंदाज का जिक्र करते हुए लिखा, यह समझना मुश्किल है कि केंद्रीय मंत्री का यह गुस्सा अधीर रंजन के राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के प्रति इस्तेमाल किए गए 'गलत शब्द' को लेकर था या इसकी तह में कुछ और बात थी !. राजद नेता ने गोवा में बार को लेकर कांग्रेस की ओर से स्मृति ईरानी की पुत्री पर लगाए आरोप का उल्लेख करते हुए यह बात कही है.
शिवानंद तिवारी ने कहा, "लोकसभा में 'सोनिया गांधी इस्तीफा दो' का नारा लगाते हुए स्मृति ईरानी गजब के तेवर में थी. उनके तेवर और नारे ने भाजपा के सांसदों में जोश भर दिया था लेकिन स्मृति जी के चेहरे पर जो गुस्सा दिखाई दे रहा था वह क्या सचमुच अधीररंजन चौधरी द्वारा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू जी के प्रति इस्तेमाल किए गए गलत शब्द को लेकर था या इसकी तह में कुछ और बात थी !" आरजेडी नेता ने आगे लिखा, "याद कीजिए. अभी दो दिन पहले कांग्रेसियों ने केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की बेटी पर गोवा में बार चलाने का आरोप लगाया गया था. यह भी कहा गया कि इस बार का लाइसेंस एक ऐसे आदमी के नाम पर है जो जीवित नहीं है. ऐसा लगता है कि इस आरोप से स्मृति जी बिलबिलाई हुई नजर आईं. यहां तक कि जिन कांग्रेसी नेताओं ने उनके बेटी पर आरोप लगाया था उनको उन्होंने कानूनी नोटिस भी दिया है."
तिवारी ने पोस्ट में आगे लिखा, "अधीर रंजन चौधरी ने आज उनको (स्मृति ईरानी को) मौका दे दिया. हालांकि अधीर रंजन राष्ट्रपति जी के लिए इस्तेमाल किए गए अपने ग़लत शब्द के लिए माफी मांग चुके थे. अपने बंगाली होने की वजह से हिंदी शब्द के इस्तेमाल में गड़बड़ी हो सकती है, यह भी कह चुके थे. लेकिन स्मृति जी को भला इससे संतोष कहां था? वे तो अपनी बेटी पर लगाए गए आरोपों का बदला संपूर्ण कांग्रेस से निकालना चाहती थीं. इसके लिए सोनिया गांधी को निशाने पर लेने से बेहतर और क्या हो सकता था ! क्या वाकई स्मृति ईरानी जी महिलाओं के मान और अपमान के प्रति हमेशा इतनी ही संवेदनशील रहती हैं ! अगर सचमुच उनकी संवेदनशीलता इतनी ही इमानदार है तो उस समय क्यों मौन रह गई थीं जब पचास करोड़ डॉलर की गर्लफ्रेंड कह कर व्यंग किया गया था ! या कांग्रेस की विधवा कह कर जिस समय एक विधवा महिला को अपमानित किया जा रहा था उस समय उनकी संवेदनशीलता कहां सो गई थी ! चाहे जो हो स्मृति का आज रूप दिखाई दिया उसे देखकर तो मानना पड़ेगा कि टीवी सीरियलों में अच्छे कलाकार के रूप में उनकी प्रतिष्ठा ऐसे ही नहीं थी. "
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