दिल्ली मेट्रो लगतार दिल्ली-एनसीआर में अपने पैर पसार रही है. जल्द ही दिल्ली मेट्रो हरियाणा के शहर कुंडली तक भी पहुंच जाएगी. केंद्र ने रिठाला-नरेला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर के निर्माण के लिए आवास और शहरी कार्य मंत्रालय-डीडीए के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है. दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के सक्सेना ने विभिन्न अवसरों पर केंद्र के समक्ष इस मेट्रो गलियारे के निर्माण का मुद्दा उठाया था. आखिरकार, अब इसे मंजूरी मिल गई है. रिठाला-नरेला-कुंडली मेट्रो गलियारे का निर्माण 6,231 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा, जिसमें दिल्ली में पड़ने वाले भाग पर 5,685.22 करोड़ रुपये और हरियाणा के हिस्से पर 545.77 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. यह कॉरिडोर रिठाला से आगे नरेला और बवाना से होकर गुजरेगा, जिससे यहां के लोगों को काफी मदद मिलेगी.
मेट्रो की Red Line का एक्सटेंशन
रिठाला-नरेला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर मौजूदा रेड लाइन के विस्तार के रूप में किया जा रहा है. इस लाइन पर मौजूदा आखिरी स्टेशन रिठाला से आगे यह रोहिणी के 25 सेक्टर से होते हुए 34 सेक्टर तक पहुंचेगी. इसके बाद यह बवाना एरिया में एंटर करेगी. इसके बाद ये लाइन नरेला होते हुए हरियाणा के कुंडली पहुंचेगी. दिल्ली में इस मेट्रो लाइन का आखिरी स्टेशन नरेला सेक्टर-5 होगा. इससे पहले हरियाणा के गुरुग्राम, फरीदाबाद और बहादुरगढ़ में भी मेट्रो पहुंच चुकी है. इस तरह हरियाणा में दिल्ली मेट्रो का यह चौथा कॉरिडोर होगा. एक अनुमान के अनुसार, रिठाला-नरेला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर का लाभ लाखों लोगों को होगा. साथ ही इस क्षेत्र की कनेक्टिविटी भी अन्य क्षेत्रों से बढ़ जाएगी.
केंद्र, हरियाणा और दिल्ली सरकार मिलकर उठाएगी खर्च
दिल्ली में पड़ने वाले भाग की लागत का लगभग 40 प्रतिशत हिस्सा केंद्र सरकार द्वारा वहन किया जाएगा. दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) शेष लागत में 1,000 करोड़ रुपये का योगदान देगा, जबकि 37.5 प्रतिशत पूंजी द्विपक्षीय/बहुपक्षीय ऋणों से आएगी और लगभग 20 प्रतिशत खर्च दिल्ली सरकार वहन करेगी जाएगी. हरियाणा में पड़ने वाले हिस्से को लेकर राज्य सरकार 80 प्रतिशत अनुदान प्रदान करेगी, जबकि शेष 20 फीसदी राशि केन्द्र सरकार देगी. रिठाला-नरेला-कुंडली कॉरिडोर का निर्माण 6,231 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा, जिसमें दिल्ली भाग की अनुमानित लागत 5,685 करोड़ रुपये और हरियाणा भाग की लागत 545.8 करोड़ रुपये है.
पूरे कॉरिडोर में होंगे 21 स्टेशन
इस लाइन का निर्माण चार साल में पूरा किया जाएगा तथा 26.5 किलोमीटर लंबी लाइन में 21 स्टेशन होंगे. इससे नरेला, बवाना और अलीपुर इलाकों की शहर के बाकी से सम्पर्क में काफी सुधार आएगा और बुनियादी ढांचे मजबूत होगा.
रिठाला-नरेला-कुंडली मेट्रो कॉरिडोर
- नाथूपुर
- कुंडली
- नरेला सेक्टर-5
- नरेला
- नरेलाा स्पोट्स कॉम्प्लेक्स
- अनाज मंडी नरेला
- भोरगढ़ गांव
- डिपो स्टेशन
- न्यू सनोठ
- बवाना जेजे कॉलोनी
- बवाना इंडस्ट्रीयल एरिया सेक्टर: 1-2
- बवाना इंडस्ट्रीयल एरिया सेक्टर: 3-4
- रोहिणी सेक्टर-34
- रोहिणी सेक्टर-35
- बरवाला
- रोहिणी सेक्टर-36
- रोहिणी सेक्टर-32
- रोहिणी सेक्टर-31
- रोहिणी सेक्टर-26
- रोहिणी सेक्टर-25
- रिठाला
दिल्ली में तेजी से बिछ रहा मेट्रो का जाल
बता दें कि दिल्ली में लगतार मेट्रो का जाल बिछाया जारहा है, ताकि लोगों को सुविधाजनक यात्रा का अनुभव हो. इस साल मार्च महीने में ही लाजपत नगर-साकेत जी ब्लॉक और इंदरलोक-इंद्रप्रस्थ कॉरिडोर, जो क्रमशः गोल्डन और ग्रीन लाइनों के एक्सटेंशन हैं, उनको दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के फेस-4 के विस्तार के लिए अनुमोदित किया गया था. हालांकि, रिठाला-नरेला-कुंडली कॉरिडोर को अभी मंजूरी का इंतजार था.
डीएमआरसी वर्तमान में तीन प्राथमिकता वाले चरण IV गलियारों के 65 किमी का निर्माण कर रही है. जनकपुरी वेस्ट-आरके आश्रम, मजलिस पार्क-मौजपुर और एयरपोर्ट सिटी-तुगलकाबाद, दिल्ली मेट्रो शहर को पड़ोसी नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद, गुड़गांव और बहादुरगढ़ से भी जोड़ रही है. बताया जा रहा है कि प्रतिदिन 1.3 लाख यात्री और 2055 तक 3.8 लाख यात्री होने की संभावना है.
(भाषा इनपुट के साथ...)
ये भी पढ़ें :- गर्व से चौड़ा हो गया सीना, पढ़ें IPS पिता की सलामी पाने वाली IAS बिटिया की कहानी