हितों की रक्षा के लिए कदम उठाने का अधिकार: अरुणााचल के खिलाड़ियों को मान्यता नहीं देने पर चीन से बोला भारत

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत के पास अपने हितों की रक्षा के लिए ‘‘उचित कदम’’ उठाने का अधिकार है.

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नई दिल्ली:

केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने अरुणाचल प्रदेश के कुछ खिलाड़ियों को हांगझोउ में होने वाले एशियाई खेलों में हिस्सा लेने के लिए बीजिंद द्वारा मान्यता न दिए जाने के विरोध स्वरूप चीन की अपनी यात्रा शुक्रवार को रद्द कर दी. नयी दिल्ली ने चीन की कार्रवाई को भेदभावपूर्ण और खेल आयोजन की भावना के खिलाफ बताया.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारत के पास अपने हितों की रक्षा के लिए ‘‘उचित कदम'' उठाने का अधिकार है.

चीन के कृत्य को ‘‘पूर्व नियोजित'' तरीके से खिलाड़ियों को निशाना बनाने वाला करार देते हुए बागची ने कहा कि यह कदम एशियाई खेलों की भावना और उसके आयोजन को नियंत्रित करने वाले नियमों का उल्लंघन करता है, क्योंकि वे सदस्य देशों के प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ ‘‘स्पष्ट रूप से भेदभाव को प्रतिबंधित करते हैं.''

अरुणाचल प्रदेश की तीन महिला वुशु खिलाड़ी हांगझोउ की यात्रा नहीं कर सकीं, क्योंकि उन्हें चीन के प्राधिकारियों ने ‘एक्रिडिटेशन' (मान्यता) नहीं दी.

बागची ने कहा कि चीन द्वारा भारत के कुछ खिलाड़ियों को 'जानबूझकर और चुनिंदा तरीके से रोकने' के कदम के खिलाफ नयी दिल्ली और बीजिंग में 'कड़ा विरोध' दर्ज कराया गया है. चीन का यह कदम पूर्वी लद्दाख में दोनों देशों के बीच जारी सीमा विवाद के बीच आया है।ृ.

बागची ने कहा, ‘‘भारत सरकार को पता चला है कि चीनी प्राधिकारियों ने लक्षित और सोची-समझी योजना के तहत अरुणाचल प्रदेश राज्य के कुछ भारतीय खिलाड़ियों को मान्यता नहीं देकर और चीन के हांगझोउ में 19वें एशियाई खेलों में प्रवेश न देकर उनके साथ भेदभाव किया है.''

उन्होंने कहा, ‘‘लंबे समय से कायम अपने सतत रुख के तहत, भारत निवास स्थान या जातीयता के आधार पर भारतीय नागरिकों के साथ भेदभावपूर्ण बर्ताव को दृढ़ता से अस्वीकार करता है. अरुणाचल प्रदेश, भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा.''
बागची ने कहा कि भारत के पास ‘‘अपने हितों की रक्षा के लिए उचित कदम'' उठाने का अधिकार है.

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘चीन का कदम एशियाई खेलों की भावना और उसके आयोजन को नियंत्रित करने वाले नियमों का उल्लंघन करता है जो सदस्य देशों के प्रतिस्पर्धियों के खिलाफ भेदभाव को स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित करता है.''

बागची ने कहा, ‘‘चीन के कदम के खिलाफ विरोध स्वरूप भारत के सूचना एवं प्रसारण तथा युवा मामलों और खेल मंत्री ने एशियाई खेलों के लिए चीन की अपनी निर्धारित यात्रा रद्द कर दी है.''

तीन वुशु खिलाड़ियों के एशियाई खेलों में भाग नहीं ले पाने के बारे में पूछे जाने पर, चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने बीजिंग में एक प्रेस वार्ता में कहा कि चीनी सरकार ने कभी भी अरुणाचल प्रदेश को 'मान्यता नहीं' दी है.

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अधिकारी ने कहा, ‘‘हांगझोउ एशियाई खेल बीजिंग शीतकालीन ओलंपिक के बाद चीन द्वारा आयोजित एक और प्रतिष्ठित बड़े पैमाने का बहु-खेल आयोजन है. मेजबान देश के रूप में, चीन कानूनी पहचान का उपयोग करके सभी देशों के खिलाड़ियों का खेलों में स्वागत करता है.''

प्रवक्ता ने दावा किया, ‘‘चीनी सरकार ने कभी भी तथाकथित 'अरुणाचल' को मान्यता नहीं दी है. जंगनान का क्षेत्र चीनी क्षेत्र है.'' अरुणाचल प्रदेश पर चीन के दावे को भारत यह कहते हुए खारिज करता रहा है कि यह राज्य देश का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है.

गत जुलाई में, भारत ने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के कुछ खिलाड़ियों को ‘नत्थी वीजा' जारी करने को 'अस्वीकार्य' बताया था. अतीत में भी, चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के भारतीयों को नत्थी वीजा जारी करने के मामले सामने आए थे, जिस पर नयी दिल्ली ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी.

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चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताकर उस पर दावा करता है. गत अप्रैल में, भारत ने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में कुछ स्थानों का नाम बदलने को सिरे से खारिज कर दिया था और कहा था कि राज्य भारत का अभिन्न हिस्सा है और इस तरह से नाम बदलने से वास्तविकता नहीं बदलेगी.
 

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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