रेवंत रेड्डी होंगे तेलंगाना के सीएम, विधायकों से बातचीत के बाद कांग्रेस आलाकमान का फैसला: सूत्र

54 वर्षीय नेता, जो कांग्रेस के विजयी अभियान का चेहरा थे. हालांकि उनको शीर्ष पद तक अपनी यात्रा में पार्टी के भीतर से कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है.

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रेवंत रेड्डी तेलंगाना के अगले मुख्‍यमंत्री बनने जा रहे हैं. विधायकों से बातचीत के बाद कांग्रेस आलाकमान ने यह फैसला लिया है. उन्‍हें जून-जुलाई, 2021 में तेलंगाना कांग्रेस का प्रमुख नियुक्त किया गया था. इसके बाद से वह लगातार ज़मीन पर काम कर रहे थे. रेवंत रेड्डी का जन्म महबूबनगर जिले के कोंडारेड्डी पल्ली में 8 नवंबर, 1969 को हुआ था. छात्र जीवन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्य रहे रेवंत वर्ष 2006 में स्थानीय राजनीति में उतरे थे.

बता दें कि रेवंत रेड्डी को लोकसभा चुनाव 2019 में कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में मलकाजगिरी संसदीय सीट से प्रत्याशी बनाया गया था. इस चुनाव में उन्होंने टीआरएस प्रत्याशी मर्री राजशेखर रेड्डी को हराया था. इसके बाद, उन्हें 20 सितंबर, 2018 को कांग्रेस के तीन कार्यकारी अध्यक्षों में से एक नियुक्त कर दिया गया.

सूत्रों ने कहा है कि 30 नवंबर के विधानसभा चुनावों में पार्टी को प्रचंड जीत दिलाने का श्रेय तेलंगाना कांग्रेस प्रमुख अनुमुला रेवंत रेड्डी को दिया जाता है, जो मुख्यमंत्री के लिए कांग्रेस आलाकमान की पसंद हैं. सूत्रों ने कहा है कि पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के नेतृत्व में कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने यह निर्णय लिया है. अंतिम घोषणा खड़गे और कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, जिन्होंने तेलंगाना में कांग्रेस अभियान की देखरेख की, उनके बीच चल रही बैठक के बाद की जाएगी.

54 वर्षीय नेता, जो कांग्रेस के विजयी अभियान का चेहरा थे. हालांकि उनको शीर्ष पद तक अपनी यात्रा में पार्टी के भीतर से कड़े प्रतिरोध का सामना करना पड़ा है. शपथ ग्रहण समारोह, जो कल दोपहर को होना था, राज्य कांग्रेस के दिग्गजों के एक वर्ग द्वारा मुख्यमंत्री पद के लिए रेड्डी का विरोध करने के बाद रद्द कर दिया गया था.

इन विरोधियों में पूर्व राज्य कांग्रेस प्रमुख एन उत्तम कुमार रेड्डी से लेकर भट्टी विक्रमार्क, कोमाटिरेड्डी वेंकट रेड्डी से लेकर दामोदर राजनरसिम्हा तक शामिल हैं. उन्होंने कथित तौर पर भ्रष्टाचार के लंबित मामलों और रेड्डी के लोकसभा क्षेत्र में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन की ओर इशारा करते हुए रेवंत रेड्डी की स्पष्ट उम्मीदवारी का विरोध किया है.

राज्य में 30 नवंबर को हुए चुनाव में कांग्रेस ने विधानसभा की कुल 119 सीट में से 64 सीट जीतकर बहुमत हासिल कर लिया है. नतीजे तीन दिसंबर को घोषित किए गए.

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