अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद के फेसबुक पोस्ट को लेकर हुए विवाद और केस की चर्चा पूरे देश में हो रही है. इस मामले भारतीय जनता पार्टी से जुड़ी महिला नेता रेनू भाटिया की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज किया था. रेनू भाटिया फिलहाल हरियाणा महिला आयोग की चेयरपर्सन के पद पर कार्यरत हैं. 'बीजेपी की बेनजीर' कही जाने वाली रेनू भाटिया सुषमा स्वराज की करीबी मानी जाती थी. 'बीजेपी की बेनजीर' की उपाधि उन्हें इसलिए दी गई थी क्योंकि वे कड़े तेवर और तेज़-तर्रार बयानबाज़ी के लिए जानी जाती हैं. सुषमा स्वराज ने ही उन्हें ये उपाधि दी थी.
बताते चलें कि रेनू भाटिया ने अली खान महमूदाबाद के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसके आधार पर उन्हें समन भेजा गया. अली खान महमूदाबाद अशोका यूनिवर्सिटी में राजनीति शास्त्र और इतिहास के प्रोफेसर हैं. उनकी गिरफ्तारी के बाद उन्हें सोनीपत के राई थाने में रखा गया है. यही वह स्थान है जहां से यह मामला राष्ट्रीय सुर्खियों में आया.
अली खान को मिल रहा है अशोका यूनिवर्सिटी के फैकल्टी का साथ
अली खान की गिरफ्तारी के बाद, अशोका यूनिवर्सिटी के कई फैकल्टी सदस्य उनके समर्थन में सामने आए हैं. ‘टाइम्स ऑफ इंडिया' की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रोफेसर के दर्जनों साथी अध्यापक राई पुलिस स्टेशन के बाहर पहरा दे रहे हैं.इनका उद्देश्य है कि अली खान के साथ कोई अन्याय न हो, उन्हें मानसिक सहयोग मिले और पुलिस प्रक्रिया पारदर्शी बनी रहे.
अली खान पर दर्ज हुए हैं 2 मामले
अली खान के खिलाफ पहला मामला जटेड़ी गांव के सरपंच द्वारा दर्ज कराया गया था. इसमें भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 196, 197, 152 और 299 के तहत मामला दर्ज किया गया. दूसरा मामला हरियाणा महिला आयोग की अध्यक्ष रेणु भाटिया की शिकायत पर दर्ज हुआ, जिसमें सोशल मीडिया पर विवादित टिप्पणी करने और आयोग के नोटिस की अवहेलना का आरोप है. इस मामले में पुलिस ने बीएनएस की धारा 353, 79, 152 और 169(1) के तहत केस दर्ज किया है.
ये भी पढ़ें-: क्या है कोरोना का JN.1 वेरिएंट, सिंगापुर-हॉन्ग कॉन्ग में क्यों खलबली, भारत में कितना खतरा