बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) की संदिग्ध मौत को एक साल हो गए हैं लेकिन अभी तक मौत के राज पर से पर्दा नही उठ पाया है जबकि मुंबई पुलिस और सीबीआई सहित पांच एजेंसियां जांच कर चुकी है. मौत को एक साल पूरा होने के बाद सुशांत सिंह राजपूत यानी SSR के दोस्तों और प्रशंसकों ने मुंबई में अलग-अलग तरीकों से उन्हें याद कर न्याय की मांग कीसुशांत की पहली पुण्यतिथि पर खुद को सुशांत का दोस्त बताने वाले नीलोत्पल ने विकलांगों को साइकिल, वैसाखी और सिलाई मशीन बांटीं. नीलोत्पल ने कहा, वो नीति आयोग के साथ मिलकर महिला सशक्तीकरण (women empowerment) का काम करते थे, उसी को आगे बढ़ाते हुये कुछ दिव्यांग बहनों को हमने सिलाई मशीन, ट्राईसाईकल और वैसाखी दी है ताकि ये लोग रोजगार करेंगे तो सुशांत भाई को याद करेंगे. इससे सुशांत की आत्मा को शान्ति मिलेगी. सुशांत के एक फैन ऋषभ ने कहा, 'उनको जस्टिस मिल जाए, हम यही चाहते हैं. सीबीआई को एक साल हो गया लेकिन कोई जवाब नही आया बस एक जवाब मिल जाए बस..'
आज से ठीक एक साल पहले, 14 जून 2020 को सुशांत अपने बेड रूम में पंखे से लटकते मिले थे. उस समय घर में दोस्त और क्रिएटिव डिजायनर सिद्धार्थ पीठानी के साथ 3 नौकर भी थे. पोस्टमार्टम रिपोर्ट और मौके से मिले सबूतों-गवाहों के बयानों के आधार पर मुंबई पुलिस उसे खुदकुशी मानकर वजह की तलाश कर रही थी लेकिन सुशांत का परिवार चाहता था कि मामले में FIR दर्ज हो. परिवार ने बिहार पुलिस में सुशांत की गर्ल फ्रेंड रिया चक्रवर्ती के परिवार के खिलाफ 15 करोड़ के गबन की FIR भी दर्ज कराई थी. क्षेत्राधिकार को लेकर मामला सर्वोच्च न्यायालय यानी सुप्रीम कोर्ट में गया. अदालत के आदेश पर अगस्त महीने में सीबीआई ने जांच शुरू की लेकिन अभी तक न तो कोई गिरफ्तारी की है और न ही कोई खुलासा किया है. प्रवर्तन निदेशालय यानी ED भी मामले में मनी लॉन्ड्रिंग के पहलू की जांच कर रही है. रिया चक्रवर्ती के फोन से ड्रग से जुड़े चैट रिट्रीव होने के बाद NCB भी मामला दर्ज कर रिया चक्रवर्ती और उसके भाई शोविक सहित 35 के करीब लोगों गिरफ्तार कर चुकी है.
सुशांत सिंह की मौत के मामले में राजनीति भी खूब हुई, जो साल भर बाद भी जारी है. कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत कहते हैं, ' हम पूछना चाहते है कि सीबीआई चुप क्यों है? इस प्रकरण का सत्य अभी भी छुपाया क्यों जा रहा है ? सीबीआई अंतिम निष्कर्ष क्यों नही बता रही. निश्चित रूप से सीबीआई पर दिल्ली के वरिष्ठों का दबाव है और इस प्रकरण का इस्तेमाल महाराष्ट्र की सरकार को बदनाम करने के लिए किया गया.' दूसरी ओर, बीजेपी प्रवक्ता राम कदम ने कहा, सुशांत के कमरे से जानबूझकर बेड से लेकर फर्नीचर तक रातोरात हटाया गया.पूरे घर को रंग करने की क्या जल्दबाजी थी? मूल मलिक को घर सौंप दिया गया. 65 दिन में देश ने देखा कि कैसे सबूत मिटाने का काम महाराष्ट्र सरकार ने किया.'