धार्मिक पहलुओं को नहीं छुआ, हिज़ाब प्रतिबंध केवल कक्षाओं में : कर्नाटक सरकार ने कोर्ट से कहा

पीठ ने एएसजी से पूछा कि यदि वे हिजाब पहनेंगे तो आप उन्हें अनुमति नहीं देंगे?’’ एएसजी ने कहा कि राज्य सरकार का निर्णय किसी धर्म पर आधारित नहीं है और सरकार की केवल यह दलील है कि शैक्षणिक संस्थान वर्दी निर्धारित कर सकते हैं.

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
हिजाब मामले पर कर्नाटक सरकार का बयान

कर्नाटक सरकार ने बुधवार को उच्चतम न्यायालय को अवगत कराया कि राज्य सरकार ने हिजाब प्रतिबंध विवाद में किसी भी ‘‘धार्मिक पहलू'' को नहीं छुआ है और यह प्रतिबंध केवल कक्षा तक सीमित है. राज्य सरकार ने कहा कि यहां तक कि कक्षा के बाहर स्कूल परिसरों में भी हिजाब पर प्रतिबंध नहीं है. राज्य सरकार की ओर से पेश वकील ने जोर देकर कहा कि राज्य ने केवल यह कहा है कि शैक्षणिक संस्थान छात्रों के लिए वर्दी निर्धारित कर सकते हैं, जिसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है.

कर्नाटक के महाधिवक्ता प्रभुलिंग के. नवदगी ने न्यायमूर्ति हेमंत गुप्ता और न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया की पीठ को बताया कि फ्रांस जैसे देशों ने हिजाब पर प्रतिबंध लगा दिया है और वहां की महिलाएं इससे कम इस्लामी नहीं हो गई हैं. नवदगी ने कहा कि जब तक यह नहीं दर्शाया जाता है कि हिजाब पहनना अनिवार्य और धार्मिक प्रथा का अनिवार्य हिस्सा है, तब तक संविधान के अनुच्छेद 25 के तहत संरक्षण नहीं मिल सकता है. महाधिवक्ता ने पीठ से कहा कि हम स्कूल के बाहर हिजाब पहनने पर प्रतिबंध नहीं लगाते... स्कूल परिसर में भी कोई प्रतिबंध नहीं है. प्रतिबंध केवल कक्षा के अंदर है.''

शीर्ष अदालत राज्य के शैक्षणिक संस्थानों में हिजाब पर प्रतिबंध हटाने से इनकार करने वाले कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी. राज्य सरकार की ओर से ही पेश हुए अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) केएम नटराज ने कहा कि याचिकाकर्ताओं का पूरा मामला एक अधिकार पर आधारित है और उनका दावा है कि यह एक पूर्ण अधिकार है. उन्होंने जोर देकर कहा कि राज्य ने किसी भी धार्मिक गतिविधि को न तो प्रतिबंधित किया है और न ही बढ़ावा दिया है. पीठ ने तब एएसजी से पूछा, ‘‘यदि वे हिजाब पहनेंगे तो आप उन्हें अनुमति नहीं देंगे?'' एएसजी ने कहा कि राज्य सरकार का निर्णय किसी धर्म पर आधारित नहीं है और सरकार की केवल यह दलील है कि शैक्षणिक संस्थान वर्दी निर्धारित कर सकते हैं.

Advertisement

पीठ ने एक बार फिर कहा, ‘‘क्या आप स्कूल के अंदर हिजाब पहनने वाली लड़की को अनुमति देंगे? हां या नहीं?'' नटराज ने प्रत्युत्तर में कहा कि संबंधित स्कूल को उनके द्वारा निर्धारित वर्दी के आधार पर निर्णय लेना होगा. नवदगी ने शीर्ष अदालत के कुछ पुराने फैसलों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘हम कुरान के विशेषज्ञ नहीं हैं, लेकिन न्यायालय ने कम से कम तीन मामलों में कहा है कि कुरान का हर शब्द धार्मिक हो सकता है, लेकिन अनिवार्य रूप से धार्मिक नहीं है. उन्होंने याचिकाकर्ताओं के वकील की उन दलीलों का खंडन किया कि राज्य ने एक समुदाय के खिलाफ कार्रवाई की है. मामले में सुनवाई बृहस्पतिवार को भी जारी रहेगी.

Advertisement

ये Video भी देखें : हिजाब से पब्लिक ऑर्डर और सामाजिक एकता को खतरा कैसे?

Advertisement
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Maharashtra BREAKING NEWS: एकनाथ शिंदे ने MNS प्रमुख राज ठाकरे से की मुलाकात | NDTV India
Topics mentioned in this article