रेप के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे आसाराम को इलाज के लिए पैरोल मिली है. 87 साल का आसाराम इलाज के लिए 7 दिनों के पैरोल पर जेल से बाहर आएगा. आसाराम फिलहाल राजस्थान के जोधपुर जेल में बंद है. पूरे 11 साल बाद उसे पैरोल मिली है. रिपोर्ट के मुताबिक, आसाराम आयुर्वेदिक ट्रिटमेंट कराएगा.
रिपोर्ट के मुताबिक, आसाराम की पैरोल जस्टिस पुष्पेंद्र सिंह भाटी के कोर्ट में मंजूर हुई. आसाराम पिछले 4 दिन से जोधपुर एम्स में भर्ती है. उसने इलाज के लिए पैरोल की अर्जी दी थी, लेकिन ये कई दफा खारिज हो गई.
रेप केस में आसाराम को सुप्रीम कोर्ट से लगा झटका, IPS अजय पाल लांबा को बतौर गवाह बुलाने का फैसला रद्द
पहली मिली थी प्राइवेट हॉस्पिटल में पुलिस कस्टडी में इलाज की परमिशन
इससे पहले आसाराम को जोधपुर स्थित निजी आयुर्वेदिक अस्पताल में पुलिस की कस्टडी में इलाज की परमिशन दी गई थी. आसाराम ने पुणे के डॉक्टर्स की देखरेख में इलाज करवाया था. फिर से तबीयत खराब होने पर उसे बीते दिनों जोधपुर एम्स में भर्ती किया गया था. जिसके बाद उसे इलाज के लिए पैरोल की अर्जी दी थी.
कब हुई थी सजा?
आसाराम को 25 अप्रैल 2018 को जोधपुर की विशेष POCSO अदालत ने नाबालिग के साथ रेप का दोषी ठहराया था. कोर्ट ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. आसाराम 2 सितंबर 2013 से जेल में है. इसके बाद गुजरात की एक अदालत ने भी आसाराम को 2013 में सूरत आश्रम में एक महिला अनुयायी के साथ रेप का दोषी करार दिया है. इसके अलावा उसपर रेप, मर्डर समेत कई मामले दर्ज हैं.
आसाराम के खिलाफ रेप के मामले में 6 लोगों को बरी करने के फैसले को चुनौती देगी गुजरात सरकार
आसाराम ने कहा था- मेरे अंदर इतनी बीमारियां, जो गिनाना असंभव
पैरोल के लिए आसाराम ने कोर्ट में कई दफा अर्जी दी थी. सजा मिलने के दो महीने के अंदर उसने पहली बार त्रिनाड़ी शूल बीमारी की जिक्र किया था. इसके बाद उसने पीठ में दर्द और सीने में दर्द की शिकायत की. 4 सितंबर 2013 को याचिका लगाते हुए कहा था- "करीब साढ़े 13 साल से मैं त्रिनाडी शूल नाम की बीमारी से ग्रसित हूं. मेरा इलाज पिछले 2 से 3 वर्ष से महिला वैद्य नीता कर रही थी. मेरे इलाज के लिए नीता को 8 दिन तक सेंट्रल जेल में आने की अनुमति दी जाए. इस पर मेडिकल बोर्ड से आसाराम का चेकअप करवाया था. डॉक्टर को ऐसी कोई बीमारी मिली ही नहीं थी."
आसाराम की पत्नी और बेटी समेत पांच महिलाओं को बलात्कार मामले में अदालत का नोटिस