केंद्र सरकार के दखल के बाद दवा कंपनियों ने रेमडेसिविर इंजेक्शन के दाम घटा दिए हैं. राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण (NPPA) ने शनिवार को कहा कि सरकार के दखल के बाद दवा कंपनियों ने कोरोना मरीजों के इलाज में कारगर इस दवा का मूल्य कम किया है. फार्मा कंपनी केडिला हेल्थकेयर, डा. रेड्डीज लेबोरेटरीज और सिप्ला ने रेमडेसिविर इंजेक्शन (100 मिग्रा) के अपने ब्रांड के दाम घटाए हैं. केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री सदानंद गौडा ने दवा कंपनियों के इस कदम पर खुशी जताई है. उन्होंने कहा, ‘इस नाजुक समय में यह लोगों के लिए बड़ी राहत है.
सरकार के दखल के बाद रेमडेसिविर के दाम अब कम हुए हैं. दवा कंपनियों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कोरोना के खिलाफ जारी जंग में साथ दिया है. रसायन एवं उर्वरक राज्य मंत्री मनसुख एल मंडाविया ने भी ट्वीट कर कहा, ‘सरकार के हस्तक्षेप के चलते रेमेडेसिविर के मूल्य कम किए गए हैं. दवा कंपनियों का यह कदम सराहनीय है. उन्होंने कोविड- 19 महामारी का मुकाबला करने में सरकार का साथ दिया है. एनपीपीए के अनुसार कैडिला ने रेमडैक (रेमडेसिविर 100 मिग्रा) इंजेक्शन का दाम 2,800 रुपये से घटा कर 899 रुपये कर दिया है.
सिंजीन इंटरनेशनल ने रेमविन दवा का दाम 3950 रुपये से घटा कर 2,450 रुपये प्रति यूनिट कर दिया है. डा रेड्डीज लैब इस दवा को रेडिक्स नाम से बेचती है. उसने इसका दाम 5,400 रुपये से कम कर अब 2,700 रुपये कर दिया है। इसी तरह सिप्ला की दवा सिप्रेमी अब 3,000 रुपये की हो गयी है. यह पहले 4,000 की पड़ती थी.माइलान ने इस दवा के अपने ब्रांड का मूल्य 4,800 से 3,400 रुपये और जुबिलैंट जेनेरिक्स ने इस दवाई के अपने ब्रांड की दर प्रति इकाई 3,400 रुपये कर दी है. पहले यह 4,700 रुपये में मिल रही थी. इसी तरह हेट्रो हेल्थकेयर ने अपनी दवा की कीमत 5,400 रुपये की जगह 3,490 रुपये कर दी है. वह इसे कोवीफॉर ब्रांड नाम से बेचती है.
वहीं महाराष्टू में रेमडेसिविर इंजेक्शन की उपलब्धता को लेकर एनसीपी नेता नवाब मलिक और केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडाविया के बीच शब्द बाण चले . मलिक ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कई इकाइयों को उनकी दवा को देश में बेचने की अनुमति नहीं दे रही है. मांडाविया ने उनके आरोपों को पूरी सख्ती के साथ खारिज करते हुये कहा कि सरकार दवा का उत्पादन दोगुना करने के लिये हरसंभव प्रयास कर रही है.
रेमेडेसिविर तो छोड़िए फेबिफ्लू जैसी कोरोना की दूसरी दवाएं पाने को दर-दर भटक रहे लोग