रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड और फ्यूचर ग्रुप के बीच सौदे को तगड़ा झटका लगा है. रिलायंस ने कहा है कि वो सौदे को आगे नहीं बढ़ा सकता. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शनिवार को बताया कि फ्यूचर ग्रुप के साथ उसके 24,713 करोड़ रुपये के सौदे को सुरक्षित कर्जदाताओं की बैठक में मंजूरी नहीं मिली है. लिहाजा ये डील आगे नहीं बढ़ाई जा सकती. रिलायंस इंडस्ट्रीज ने शेयर बाजार को सूचना भेजी है. फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) और फ्यूचर ग्रुप की अन्य कंपनियों ने इस सौदे की मंजूरी के लिए हुई बैठकों के नतीजों से अवगत कराया है. बयान के अनुसार, सौदे को शेयरधारकों और असुरक्षित कर्जदाताओं ने बहुमत से स्वीकार कर लिया है लेकिन सुरक्षित कर्जदाताओं ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. रिलायंस ने कहा, फ्चूचर ग्रुप के सुरक्षित कर्जदाताओं ने प्रस्तावित योजना के खिलाफ मतदान किया है. ऐसी हालत में इस योजना को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है.
24 हजार करोड़ रुपये का समझौता किया था
फ्यूचर ग्रुप ने अगस्त 2020 में रिलायंस समूह की कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (RRVL) के साथ 24,713 करोड़ रुपये के विलय समझौते की घोषणा की थी. इस समझौते के तहत खुदरा, थोक, लॉजिस्टिक एवं भंडारण में सक्रिय फ्यूचर ग्रुप की 19 कंपनियों का रिलायंस रिटेल अधिग्रहण करने वाली थी. इस विलय समझौते की घोषणा के बाद से ही ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन इसका विरोध कर रही थी. अदालती मुकदमों में अमेजन ने यह कहते हुए इस सौदे का विरोध किया कि उसके साथ हुए फ्यूचर ग्रुप के निवेश का यह करार उल्लंघन करता है. विवाद गहराने पर इस सौदे पर शेयरधारकों एवं ऋणदाताओं की मंजूरी लेने के लिए फ्यूचर ग्रुप की संबंधित कंपनियों ने हफ्ते की शुरुआत में बैठकें बुलाई थीं. फ्यूचर ग्रुप ने शुक्रवार को ही बताया था कि शेयरधारकों एवं असुरक्षित कर्जदाताओं ने इस सौदे को स्वीकृति दे दी है लेकिन सुरक्षित कर्जदाताओं ने इसे नामंजूर कर दिया है.
रिलायंस इंडस्ट्रीज ने इसी को देखते हुए सौदे को रद्द कर दिया है. फ्यूचर ग्रुप ने शुक्रवार शेयर बाजार को बताया था कि उसे सुरक्षित ऋण देने वाले कर्जदाताओं ने 69.29 फीसदी के बहुमत से रिलायंस रिटेल के साथ हुए करार पर असहमति जताई है. इस करार की मंजूरी के लिए प्रस्ताव को सिर्फ 30.71 फीसदी कर्जदाताओं की ही स्वीकृति मिल पाई. जबकि फ्यूचर और रिलायंस रिटेल के बीच सौदे को 75 फीसदी से अधिक शेयरधारकों एवं असुरक्षित ऋणदाताओं का समर्थन मिला था. कंपनी के 85.94 फीसदी शेयरधारकों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया है जबकि असुरक्षित ऋणदाताओं में से 78.22 फीसदी का समर्थन इसे मिला है. इस प्रस्ताव को सुरक्षित ऋणदाताओं में से न्यूनतम 75 फीसदी का जरूरी समर्थन नहीं मिल पाया है. सुरक्षित ऋणदाताओं को कर्ज लेने वाली कंपनी से जमानत दी जाती है और किसी भी बकाये के भुगतान के समय असुरक्षित कर्जदाताओं पर उन्हें प्राथमिकता दी जाती है.
किशोर बियानी की अगुवाई वाले समूह की एक अन्य कंपनी फ्यूचर लाइफस्टाइल फैशन लिमिटेड ने बताया कि उसके 82.75 फीसदी सुरक्षित कर्जदाताओं ने भी इस सौदे के खिलाफ मत दिया है. हालांकि शेयरधारकों एवं असुरक्षित लेनदारों का बहुमत इसके समर्थन में रहा है. फ्यूचर ग्रुप की कई कंपनियों ने इस हफ्ते अपने शेयरधारकों, सुरक्षित एवं असुरक्षित कर्जदाताओं की बैठकें बुलाई थी जिसमें रिलायंस रिटेल के साथ विलय संबंधी सौदे पर मुहर लगाने का प्रस्ताव रखा गया था.