रिलायंस इंडस्ट्रीज की गुरुवार को हुई एनुअल जनरल मीटिंग (RIL AGM 2021) में अपने संबोधन में रिलायंस फाउंडेशन की फाउंडर नीता अंबानी ने बताया कि कंपनी ने कोविड-19 महामारी में अपने कर्मचारियों की सैलरी, बोनस या दूसरा कोई भी कॉम्पनसेशन नहीं काटा. एशिया के सबसे अमीर शख्स मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी ने कहा कि कोविड-19 मानवता के लिए बड़ा संकट है, लेकिन इस लड़ाई में भी लोग साथ आकर लड़े हैं.
उन्होंने घोषणा की कि कोविड-19 के चलते कंपनी के जिन कर्मचारियों की मौत हुई है, उनके परिवारों को अगले पांच सालों तक कर्मचारी की सैलरी मिलेगी. वहीं. उनके बच्चों की ग्रेजुएशन तक की पढ़ाई का खर्च कंपनी उठाएगी. उन्होंने बताया कि कोविड से जान गंवाने वाले ऑफ-रोल कर्मचारियों के परिवारों को 10 लाख का मुआवजा दिया जाएगा.
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उन्होंने इसपर भी जानकारी दी कि रिलायंस ने कोविड-19 के खिलाफ कैसे लड़ाई लड़ी है. उन्होंने बताया कि 'इस साल की शुरुआत में जैसे ही कोविड के मामले फिर बढ़ने लगे तो ऑक्सीजन की कमी सामने आने लगी. इसे देखकर रिलायंस ने तुरंत युद्ध स्तर पर काम करना शुरू किया. हमने कभी मेडिकल ग्रेड का लिक्विड ऑक्सीजन नहीं बनाया है, लेकिन जरूरत पड़ने पर हमने जामनगर की रिफाइनरी को इसके लिए तैयार किया और कुछ दिनों में ही हाई-प्योरिटी का मेडिकल ग्रेड लिक्विड ऑक्सीजन बनाने लगे और दो हफ्तों के भीतर ही हमने प्रोडक्शन को 1100 मीट्रिक टन प्रतिदिन पहुंचा दिया.'
उन्होंने इस मिशन ऑक्सीजन के अलावा रिलायंस के अन्य इनीशिएटिव मिशन अन्नसेवा, मिशन वैक्सीन सुरक्षा और कोविड इंफ्रा की भी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि रिलायंस का मिशन वैक्सीन सुरक्षा भारत का सबसे बड़ा कॉरपोरेट वैक्सीनेशन ड्राइव है, जिसके तहत 20 लाख लोगों को मुफ्त में वैक्सीन लगाई गई है, जिसमें कंपनी के रिटायर्ड कर्मचारी, पार्टनर कंपनियों के कर्मचारी और उनके परिवार के सदस्य शामिल हैं.