केरल के वित्त मंत्री केएन बालगोपाल ने बुधवार को पेट्रोल और डीज़ल पर उत्पाद शुल्क में क्रमश: पांच और 10 रुपये की ‘मामूली कमी' करने के केंद्र के फैसले को ‘छवि बचाने का अस्थायी उपाय' बताया तथा कहा कि यह लोगों की आंखों में धूल झोंकना है. मंत्री ने एक बयान में कहा कि केंद्र सरकार को पेट्रोल और डीज़ल पर लगाए गए 30 रुपये प्रति लीटर के विशेष कर और उपकर में कटौती करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्यों को अतिरिक्त करों के जरिए होने वाली राजस्व की कमाई में हिस्सा नहीं मिल रहा है.
बालगोपाल ने कहा, “ लोगों के भारी विरोध के बाद केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीज़ल पर उत्पाद शुल्क में मामूली कमी करने का फैसला किया है. यह कटौती देशभर में लोगों के बढ़ते गुस्से को देखते हुए छवि बचाने के लिए अस्थायी उपाय है. यह दरअसल, लोगों की आंखों में धूल झोंकने का एक तरीका है.”
इस बीच, गोवा सरकार ने बुधवार रात पेट्रोल और डीज़ल पर राज्य के करों में सात-सात रुपये की कटौती करने का ऐलान किया, जो केंद्र द्वारा कम किए गए उत्पाद शुल्क से अलग है. मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने सोशल मीडिया पर कहा कि राज्य में पेट्रोल की कीमत 12 रुपये प्रति लीटर और डीज़ल की कीमत 17 रुपये प्रति लीटर कम हो जाएगी. यह कटौती चार नवंबर से प्रभावी होगी.
वहीं, असम ने पेट्रोल और डीजल पर तत्काल प्रभाव से सात रुपये प्रति लीटर वैट (मूल्य वर्धित कर) घटाने की घोषणा की. राज्य के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने इस बारे में ट्वीटर पर घोषणा की.