श्रद्धा वालकर की ही थीं महरौली-गुरुग्राम से बरामद हड्डियां, पिता से मैच हुआ DNA सैम्पल

बता दें कि दिल्ली पुलिस ने महरौली और गुरुग्राम के जंगलों से ये हड्डियां बरामद की थीं.  इकट्ठा  किए गए सैंपलों को CFSL भेजा गया था. ये तमाम हड्डियां आरोपी अफताब की निशानदेही पर  बरामद हुई थीं.

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श्रद्धा हत्याकांड मामले में बड़ा खुलासा

श्रद्धा मर्डर केस में बड़ा खुलासा हुआ है. श्रद्धा के पिता का DNA सैंपल का बरामद हड्डियों से मिलान हो गया. इससे साफ हो गया है कि हड्डियां श्रद्धा की थीं. दिल्ली पुलिस ने महरौली और गुरुग्राम के जंगलों से ये हड्डियां बरामद की थीं.  इकट्ठा  किए गए सैंपलों को CFSL भेजा गया था. ये तमाम हड्डियां आरोपी अफताब की निशानदेही पर  बरामद हुई थीं. दिल्ली पुलिस को आफताब की पॉलीग्राफ टेस्ट की रिपोर्ट भी मिली गई है. 

दिल्ली पुलिस के सूत्रों का कहना है कि अभी DNA और पॉलीग्राफ की दो रिपोर्ट आई हैं.  नार्को की तीसरी रिपोर्ट आना बाकी है. उसका एनालिसिस किया जाएगा. बॉडीपार्ट्स को पोस्टमार्टम एग्जामिनेशन के लिए AIIMS भी भेजा जाएगा. DNA रिपोर्ट बुधवार शाम को मिली है. श्रद्धा के कुछ कपड़े मिले हैं, आफताब की निशानदेही से जंगलों से उन्हें फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है. रिपोर्ट के आधार पर कुछ सवाल बनाकर डॉक्टर को भेजे जाएंगे, जहां भी पुलिस को डाउट होगा, फिर डॉक्टर्स से जवाब लिए जाएंगे. ब्लड सैंपल जोकि छतरपुर में फ्लैट की कीचन, बाथरूम और बेडरूम से लिए गए थे, वो श्रद्धा से मैच हुए हैं. पुलिस को CFSL ने ब्लड सैंपल रिपोर्ट में इस बात की तस्दीक की है.

श्रद्धा के पिता ने कहा था कि उन्हें 2019 में बेटी ने बोला था कि उसे आफताब के साथ लिव-इन रिलेशनशिप में रहना है. जिसके लिए उन्होंने मना कर दिया था क्योंकि वह हिन्दू हैं और लड़का मुस्लिम. श्रद्धा के पिता ने पुलिस को बताया कि हमारे मना करने पर मेरी लड़की श्रद्धा वाकर ने बोला कि मैं 25 साल की हो गई हूं और मुझे मेरे फैसले लेने का पूरा अधिकार है. मुझे आफताब के साथ रहना है. उसने बोला कि मैं आज से आपकी बेटी नहीं ऐसा समझो..ये बोला घर से जाने लगी... मैंने और मेरी बीवी ने उसे बहुत समझाया लेकिन वह नहीं मानी. हमारा घर छोड़कर आफताब के साथ रहने चले गई. मुझे उसके दोस्तों से पता चला कि वे दोनों पहले एक साथ नया गांव और फिर वसाई महाराष्ट्र में थे. श्रद्धा अपनी मां से फोन पर बता करती थी और बताया करती थी कि आफताब उससे झगड़ा करता है और मारपीट भी.

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श्रद्धा के पिता ने आगे बताया मेरी बीवी की मृत्यु के बाद उससे एक दो बार फोन पर बात हुई थी. तब मुझे भी उसने बताया था कि उसको आफताब मारता पीटता है. यही बात उसने घर आकर करीब एक महीने बाद मुझे आमने-सामने भी बताई थी. मैंने आफताब को छोड़कर घर आने को कहा. लेकिन आफताब के पास चले गई. इसके बाद मुझे श्रद्धा के दोस्तों ने बताया कि कुछ भी अच्छा नहीं है. उसके साथ मारपीट होती है. मेरी बात नहीं मानने की वजह से मैंने अपनी लड़की से काफी महीनों तक बात नहीं की.

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दिनांक 14.09.2022 को मेरे लड़के श्रीजय विकास वाकर को मेरी लड़की के दोस्त लक्ष्मण नादर ने फोन पर बताया कि श्रद्धा का फोन पिछले करीब दो महीनो से बंद आ रहा है. मैंने भी दोस्त से बात की मुझे भी यही बात बताई गई. उसने कहा कि हमारी बातचीत होती रहती थी, लेकिन पिछले दो-ढाई महीने से कोई बात नहीं हुई है. मेरी लड़की का फोन नहीं लग रहा था तो मैंने थाना मानिकपुर महाराष्ट्र में केस दर्ज कराया. मुझे पुलिस ने बताया कि लापता की enquiry महाराष्ट्र पुलिस से दिल्ली में भेज दी है. पुलिस के अनुसार मेरी लड़की आफताब के साथ दिल्ली में छतरपुर में रहती थी. 

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