RBI Monetary Policy Review: रेपो दर पर फैसला आज, 0.25 से 0.50% तक की हो सकती है वृद्धि

RBI Repo Rate Revision : मुद्रास्फीति लगातार ऊंचे स्तर पर बनी हुई है, ऐसे में रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ब्याज दरों में चौथाई से आधा प्रतिशत की एक और वृद्धि कर सकती है

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बुधवार को नीतिगत दरों में 0.25 से 0.50 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है. आज सुबह 10 बजे आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा समिति की प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी, जिसमें रेपो रेट रिवीजन की घोषणा की जाएगी. विशेषज्ञों का कहना है कि मुद्रास्फीति लगातार ऊंचे स्तर पर बनी हुई है, ऐसे में रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ब्याज दरों में चौथाई से आधा प्रतिशत की एक और वृद्धि कर सकती है. मौद्रिक नीति समिति की सोमवार से द्विमासिक समीक्षा बैठक जारी है और इसमें लिए गए फैसलों के बारे में बुधवार को जानकारी दी जाएगी. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास पहले ही ऐसे संकेत दे चुके हैं कि नीतिगत ब्याज दर में बढ़ोतरी की जा सकती है.

आरबीआई ने पिछले महीने भी अचानक रेपो दर एवं नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में वृद्धि कर सबको अचंभित कर दिया था. रेपो दर को 0.40 प्रतिशत बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत कर दिया गया था जबकि सीआरआर में भी 0.50 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी. रिजर्व बैंक के इस सख्त कदम के लिए बढ़ती हुई मुद्रास्फीति को जिम्मेदार बताया गया था. उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति अक्टूबर, 2021 से ही लगातार बढ़ रही है.

खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी से ही आरबीआई के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है. अप्रैल, 2022 में यह आठ साल के उच्चस्तर 7.79 प्रतिशत पर पहुंच गई.

Advertisement

एचडीएफसी बैंक ट्रेजरी रिसर्च डेस्क की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई अपने रुख और सीआरआर दर को अपरिवर्तित रखते हुए नीतिगत दर में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है. रिपोर्ट कहती है, ‘‘हमें रेपो दर में 0.50 प्रतिशत के बजाय 0.25 प्रतिशत की ही वृद्धि की संभावना ज्यादा दिख रही है. हमें इस स्तर पर दर में एक और बड़ी वृद्धि के हालात नहीं दिखते हैं.''

Advertisement

इसके साथ ही रिपोर्ट में कहा गया है कि आरबीआई वैश्विक और घरेलू मूल्य दबावों में बदलाव का हवाला देते हुए मुद्रास्फीति के 5.7 प्रतिशत के पूर्वानुमान में 0.70-0.80 प्रतिशत तक का बदलाव कर सकता है.

Advertisement

यस बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री इंद्रनील पान ने कहा कि मुद्रास्फीति ने आरबीआई के समक्ष मौद्रिक नीति को सख्त करने की जरूरत पैदा की है. उन्होंने कहा, ‘‘हमें लगता है कि आरबीआई जून में रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की वृद्धि कर सकता है. इसके बाद अगस्त और सितंबर में भी इसमें 0.25-0.25 प्रतिशत की वृद्धि की जा सकती है. उस समय तक जिंसों की कीमतें नीचे आने की संभावना है जिससे घरेलू मुद्रास्फीति चक्र को भी कुछ सहूलियत मिल सकती है.''

Advertisement

वहीं त्रेहन समूह के प्रबंध निदेशक सारांश त्रेहन ने कहा कि आरबीआई प्रमुख नीतिगत दरों में 0.50 प्रतिशत तक की वृद्धि कर सकता है. उन्होंने कहा कि बैंक इसका बोझ कर्जदारों पर ही डालेंगे लेकिन ब्याज दरों के निचले स्तर पर होने से मांग पर इसका खास असर नहीं पड़ेगा.

क्रेडिट रेटिंग एजेंसी इंफोमेरिक्स ने नीतिगत दर में 0.35-0.50 प्रतिशत तक की वृद्धि किए जाने का अनुमान जताया है.

ट्रस्ट म्यूचुअल फंड के कोष प्रबंधक आनंद नेवतिया ने भी कहा कि आरबीआई तरलता में कमी लाने के लिए सीआरआर बढ़ाने के साथ रेपो दर में 0.35-0.50 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर सकता है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Jharkhand Election: 'पाई-पाई का हिसाब लिया जाएगा', BJP पर बरसे CM हेमंत | Hemant Soren EXCLUSIVE
Topics mentioned in this article