एक सख्त माहौल में मौद्रिक नीति कार्रवाई में समय से पहले रोक लगाना एक महंगी गलती साबित हो सकती है. मौद्रिक नीति समिति (MPC) में पांच अन्य सदस्यों के साथ ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बारे में फैसला करते वक्त भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यह राय जाहिर की थी. गौरतलब है कि मौद्रिक नीति समिति यानी MPC ने इस महीने की शुरुआत में रेपो दर में 0.35 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी. बैठक का ब्यौरा बुधवार को जारी किया गया. दिसंबर में हुई इस बढ़ोतरी से पहले RBI ने चार बार में रेपो दर में 1.90 प्रतिशत की वृद्धि की थी.
MPC के ब्योरे में कहा गया, "मेरा... विचार है कि मौद्रिक नीति कार्रवाई में समय से पहले ठहराव का फैसला इस समय एक महंगी गलती साबित होगा. अनिश्चित परिदृश्य को देखते हुए, यह एक ऐसी स्थिति पैदा कर सकता है, जहां बढ़ी हुई मुद्रास्फीति के दबाव को दूर करने के लिए हम खुद को बाद की बैठकों में मजबूत नीतिगत कार्रवाई करते हुए पा सकते हैं." यह बैठक 5-7 दिसंबर के दौरान हुई थी. RBI गवर्नर दास ने कहा कि एक सख्त वातावरण में, खासतौर पर तब, जब दुनिया भारी अनिश्चितता का सामना कर रही है, मौद्रिक नीति के भविष्य को लेकर स्पष्ट मार्गदर्शन देना सही नहीं होगा.
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