मुंबई: भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शनिवार को प्रणाली से 2,000 रुपये के बैंक नोटों को वापस लेने के विशेष अभियान को सात अक्टूबर तक बढ़ा दिया. आरबीआई ने 2,000 रुपये के नोट वापस लेने के आखिरी दिन जारी एक बयान में कहा कि जनता ने 19 मई से 29 सितंबर तक कुल 3.42 लाख करोड़ रुपये के 2,000 रुपये के नोट वापस किए हैं.
केंद्रीय बैंक ने कहा कि अब तक बदले गए नोट इस मूल्य वर्ग में कुल प्रचलित मुद्रा का 96 प्रतिशत है. साथ ही यह भी कहा गया कि अब केवल 14,000 करोड़ रुपये के ऐसे नोट प्रचलन में हैं. इससे पहले 2,000 रुपये के नोट जमा करने या बदलने की समय सीमा 30 सितंबर, 2023 थी.
केंद्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, ''2,000 रुपये के बैंक नोटों को जमा करने या बदलने की मौजूदा व्यवस्था को सात अक्टूबर, 2023 तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है.'' आरबीआई ने इस साल मई में 2,000 रुपये के नोटों को वापस लेने की घोषणा की थी, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि यह फैसला नवंबर 2016 में हुई नोटबंदी के समान नहीं है, जब 500 रुपये और 1,000 रुपये के नोटों को रातोंरात अमान्य मुद्रा बना दिया गया था.
केंद्रीय बैंक ने यह कदम ऊंचे मूल्य वाले नोट का इस्तेमाल काला धन जमा करने में किए जाने संबंधी चिंताओं के बीच उठाया था. आरबीआई ने 2,000 रुपये के नए नोट छापना वित्त वर्ष 2018-19 में ही बंद कर दिया था और धीरे-धीरे उनका चलन काफी कम हो चुका है. रिजर्व बैंक ने कहा था कि ऐसा देखा गया है कि 2,000 रुपये मूल्य के नोट का इस्तेमाल अब लेनदेन में आम तौर पर नहीं हो रहा है. इसी के साथ बैंकों के पास अन्य मूल्यों के नोट भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध होने से लोगों को नोट देने में कोई समस्या नहीं होगी.
आरबीआई ने शनिवार को जारी बयान में कहा कि 2,000 रुपये के नोट सात अक्टूबर के बाद भी वैध मुद्रा बने रहेंगे, लेकिन तब इन्हें केवल आरबीआई कार्यालयों में ही बदला जा सकेगा. साथ ही जनता से बिना किसी देरी के नोट जमा करने या बदलने को कहा गया है.
बयान में कहा गया है कि आठ अक्टूबर से बैंक शाखाओं में नोट जमा करने या बदलने की सुविधाएं बंद कर दी जाएंगी और लोगों को आरबीआई के 19 कार्यालयों में नोट बदलने होंगे. बयान में कहा गया है कि देश के भीतर भी लोग अपने बैंक खातों में नोट जमा करने के लिए आरबीआई के 19 कार्यालयों में किसी एक के पते पर इंडिया पोस्ट के माध्यम से 2,000 रुपये के नोट भेज सकते हैं.