अगर आप होम लोन लेने की सोच रहे हैं या पहले से EMI भर रहे हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है. भारतीय रिजर्व बैंक ने 5 दिसंबर को मौद्रिक नीति का बड़ा फैसला सुनाते हुए रेपो रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर 5.25 प्रतिशत कर दी है. यही दर है जिस पर बैंक RBI से कर्ज लेते हैं और इसी के आधार पर लोन की ब्याज दर तय होती है. इस साल फरवरी से लेकर अबतक रेपो रेट में कुल 125 बेसिस पॉइंट (bps) यानी 1.25 प्रतिशत की कटौती हो चुकी है.
इस कटौती का सबसे बड़ा फायदा आम लोगों को मिलेगा क्योंकि होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन सभी सस्ते हो जाएंगे. कम ब्याज दर का मतलब है कि EMI में कमी आएगी, जिससे घर खरीदने या अन्य लोन लेने वालों को राहत मिलेगी.
इस फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर में भी नई तेजी आने की उम्मीद है क्योंकि सस्ती EMI से हाउसिंग की मांग बढ़ सकती है. यदि आपने फ्लोटिंग रेट पर लोन लिया है, तो कुछ ही हफ्तों में आपको EMI में कमी का असर दिखाई देगा. फिक्स्ड रेट वाले लोन पर इसका असर तुरंत नहीं दिखेगा.
RBI का यह कदम आम परिवारों के बजट में राहत लाएगा और लोन लेने वालों के बोझ को कम करेगा.
RBI गवर्नर ने FY26 के लिए GDP ग्रोथ का अनुमान बढ़ाकर 7.3% कर दिया, जो पहले 6.8% था. यह दिखाता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत वृद्धि कर रही है.विनिर्माण गतिविधियाँ लगातार सुधार की ओर हैं, जबकि सेवा क्षेत्र स्थिर वृद्धि बनाए हुए है. इससे आर्थिक गतिविधियों में संतुलन दिख रहा है.
आरबीआई ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में करेंट अकाउंट डेफिसिट 'मॉडेस्ट' यानी मामूली रहेगा, जिससे विदेशी लेन-देन पर नियंत्रण बना रहेगा. इसके साथ ही भारत के विदेशी भंडार (Forex Reserves) 686 अरब डॉलर पर पहुंच गए हैं, जो लगभग 11 महीने के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त हैं.
गवर्नर ने महंगाई का अनुमान 2% बताया, जो पहले 2.6% था. यह दिखाता है कि महंगाई में नरमी बनी हुई है और उपभोक्ताओं के लिए राहत मिल सकती है.














