उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) का निधन हो गया है. देश के दिग्गज उद्योगपतियों ने उनके निधन पर शोक जताया है. कई उद्योगपतियों ने एनडीटीवी के साथ रतन टाटा के साथ बिताए पलों को साझा किया है और बताया है कि वे न सिर्फ बड़े उद्योगपति थे बल्कि बेहद विनम्र और महान इंसान भी थे. फिक्की की पूर्व प्रेसिडेंट डॉ. संगीता रेड्डी ने कहा कि यह पूरी दुनिया के लिए बड़ा नुकसान है. वहीं एनएसडीसी के सीईओ दिलीप चिनॉय ने कहा कि वो हमेशा देश के बारे में ही सोचते थे.
फिक्की की पूर्व प्रेसिडेंट डॉ. संगीता रेड्डी ने कहा कि रतन टाटा का जाना ना केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया के लिए दुख की खबर है. वो ना केवल शानदार बिजनेस पर्सन थे, बल्कि वो इंसानियत की प्रतिमा थे. उन्होंने सामाजिक क्षेत्रों में भी बहुत काम किया है.
टाटा परिवार के लिए यह मुश्किल वक्त : रेड्डी
उन्होंने कहा कि यह पूरी दुनिया के लिए बड़ा नुकसान है. हम उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि टाटा परिवार के लिए यह मुश्किल वक्त है और देश की संवेदनाएं उनके साथ हैं.
उनके साथ अपनी मुलाकात के अनुभव साझा करते हुए रेड्डी ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि मैं दो-तीन बार उनसे मिली हूं, उनसे बातचीत की है. वो बहुत बड़े आदमी थे, लेकिन हमेशा विनम्र रहते थे और हर किसी से अच्छे से जुड़ते थे.
डॉ. संगीता रेड्डी ने सुनाया रतन टाटा से जुड़ा किस्सा
उन्होंने बताया कि एक बार हम एक कार्यक्रम में थे. कार्यक्रम के बाद चार-पांच लोगों के साथ रूम में टी पर बुलाया था. उस समय उन्होंने मेरे पिताजी के बारे में पूछा. मेरे पिता की जीवन यात्रा की बहुत तारीफ कर रहे थे. मैंने कहा कि ये आपकी महानता है कि आप दूसरे लोगों की तारीफ कर रहे हैं, जबकि आपने इतने बड़े बड़े काम किए हैं. उन्होंने बहुत प्यार से कहा कि हम सब लोग एक यात्रा पर हैं. हम लोग बिजनेस करते हैं, जिससे हम अपने देश को बड़ा और महान बना सकें.
इसके बाद उन्होंने कहा कि आपके पिता ना केवल बिजनेस को आगे लेकर गए, बल्कि लोगों को स्वास्थ्य और जिंदगी दी है. उन्होंने मेरी आंखों में आंखें मिलाई और कहा कि आप और आपकी बहन इस यात्रा को जारी रख रही हैं. ये वाकया मुझे हमेशा याद रहेगा.
भारतीय समाज और उद्योगों प्रभाव : चिनॉय
एनएसडीसी के सीईओ दिलीप चिनॉय ने कहा कि रतन टाटा के निधन से देश को बड़ा नुकसान हुआ है. उनकी जो सोच, लीडरशिप और इंसानियत थी, उसने ना केवल रतन टाटा को महान बनाया बल्कि टाटा ग्रुप को भी एक अलग कंपनी बना दिया. उनका भारतीय समाज और उद्योगों पर काफी प्रभाव रहा है.
चिनॉय ने कहा कि वो टाटा ग्रुप को ग्लोबल मार्केट में लेकर गए. 1980-90 में कोई निवेश नहीं करता था, उस समय यह अमेरिका गए और IBM, AIG इंश्योंरेंस, पेप्सी जैसी कई कंपनियों के साथ बड़े ज्वाइंट वेंचर किए. उन्होंने कहा कि एक तरह से उन्होंने भारत को निवेश का एक अच्छा डेस्टिनेशन बनाया. उनके बारे में कहा जाता है कि वो देश के बारे में ही सोचते थे, उसके बाद ही कुछ और काम करते थे.
युवा उद्यमियों को किया सपोर्ट : चिनॉय
उन्होंने कहा कि यंग एंटरप्नॉयर्स जो स्टार्टअप लेकर आ रहे थे, रतन टाटा उन्हें सपोर्ट करते थे. उन्होंने काफी ज्यादा स्टार्टअप में निवेश किया और उन्हें मेंटर किया. उन्होंने नई जनेरेशन में लीडरशिप पैदा की.
उन्होंने 26/11 मुंबई आतंकी हमले के दौरान वहां खड़े होकर पूरे देश के लिए जिम्मेदारी दिखाई. ये बड़ी मिसाल है. उन्होंने कहा कि आज के एंटरप्नॉयर्स और लीडर्स इससे आगे चलकर एक सबक लें.
उन्होंने कहा कि 80-90 में उनसे काफी मुलाकात हुई थी. उनके साथ ट्रेवल करने का मौका भी मिला था. मुझे याद है कि जब नैनो लॉन्च होने वाली थी तो उस वक्त इस कार की काफी चर्चा थी. उस वक्त उन्होंने काफी शांति और बड़े सोच समझकर बात की थी. पूरी दुनिया और हर देश में लोग उन्हें जानते थे और उनका सम्मान करते थे. सीआईआई ने उनकी लीडरशिप में बुलंदियों को छुआ था. साथ ही वो एक बहुत ही विनम्र और अच्छे इंसान थे और सबका ख्याल रखते थे.