जब टाटा की इस कार ने बदल दी थी भारत में कार बाजार की सूरत, रातों रात बदल गई थी कंपनी की 'किस्मत'

रतन टाटा की कंपनी ने जिस दौर में इस कार को बाजार में लॉन्च किया था उस दौरान मारुति सुजुकी की कारें बाजार में अपना दबदबा बढ़ा चुकी थी. ऐसे में बाजार में बने रहने के लिए टाटा समूह को कुछ ऐसा करके दिखाना था जिससे की उनकी मौजूदगी बनी रहे. और उन्होंने ऐसा करके भी दिखाया.

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नई दिल्ली:

कोई कंपनी आज कितनी बड़ी और कितनी कामयाब है इसके पीछे उसकी कई सालों की मेहनत छिपी होती है. किसी कंपनी को देश और दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी बनाने के लिए उसके मैनेजमेंट को कई तरह के उतार-चढ़ाव से होकर गुजरना पड़ता है. टाटा मोटर्स की कहानी भी कुछ ऐसी ही थी. आज भले ही टाटा मोटर्स देश की सबसे बड़ी कार कंपनियों में से एक हो लेकिन एक दौरा ऐसा भी था जब कंपनी के लिए बाजार में अपनी मौजूदगी बनाए रखना ही  एक बड़ी चुनौती की तरह थी. कहा जाता है कि बड़ी कंपनियों के लिए अकसर ऐसा समय बड़े फैसला लेने का होता है. अगर समय पर लिया गया बड़ा फैसला सही साबित हुआ तो कंपनी फिर पीछे मुड़कर नहीं देखती है. टाटा मोटर्स के साथ भी ऐसा ही हुआ.


टाटा मोटर्स के लिए 20वीं सदी का अंत काफी मुश्किलों भरा रहा था. उस दौर में भारतीय बाजार में मारुति सुजुकी अपनी मौजूदगी बड़ी तेजी से बढ़ा रही था. मारुति कंपनी समय-समय पर कार के नए मॉडल लाकर भारतीय बाजार को अपने कब्जे में करते दिख रही थी. उस दौर में टाटा मोटर्स के पास कार के जितने भी मॉडल थे वो इतने पुराने हो चले थे कि अब मारुति के सामने दिन पर दिन उनकी मांग कम होने लगी थी. 

टाटा को भी पता था कि उन्हें अगर बाजार में टिके रहना है तो जल्द से जल्द कुछ नया करना होगा. और इसी समय रतन टाटा की कंपनी ने भारतीय बाजार में मारुति सुजुकी जैसी कंपनी का सामना करने के लिए इंडिका कार को लॉन्च किया. 1998 में टाटा समूह ने जब इस कार को लॉन्च किया था तो उस दौरान शायद ही उन्हें इस बात का अंदाजा होगा कि ये कार ना सिर्फ टाटा के लिए बल्कि पूरे कार बाजार में एक क्रांति ला देगी.

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इंडिका कार को लॉन्च करना टाटा के लिए एक ऐतिहासिक फैसला साबित हुआ था. इस कार ने पूरे भारतीय बाजार का रूप ही बदलकर रख दिया था. इस कार की एकाएक इतनी मांग आई की थी कि इसने टाटा मोटर्स को एक संघर्षरत कंपनी की सूची से निकालकर कार बाजार के एक प्रमुख प्लेयर के तौर पर स्थापित कर दिया था. टाटा ने इसी कार के मॉडल की लॉन्चिंग के साथ ही भारत में हैचबैग क्रांति की भी शुरुआत की थी.

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आखिर क्यों इतनी खास थी टाटा की इंडिका कार 

आपको बता दें कि 1998 के दौर में किसी कार इतनी सुविधाएं नहीं होती थी जितनी टाटा ने अपनी इंडिका कार में दी थी. साथ ही इंडिका की कीमत भी दूसरी कंपनियों की कारों से कम था. टाटा की इंडिका एक अत्याधुनिक हैचबैक कार थी. जो उस समय पर भारत में उपलब्ध किसी भी कार से अलग थी. इस कार का स्टाइलिश डिजाइन, कंफर्टेबल इंटीरियर और पावरफुल इंजन इसे दूसरे कारों से अलग करता था. यही वजह थी कि यह भारतीय उपभोक्ताओं की पहली पसंद बन गई. खास बात ये थी कि इंडिका को इटैलियन डिजाइन हाउस आईडीडी द्वारा डिजाइन किया गया था. इंडिया देश की पहली कार थी जिसमें पावर विंडो, सेंट्रल लॉकिंग और एयर कंडीशनिंग जैसी सुविधाएं उपलब्ध थी. कंपनी ने 2008 में इंडिका का एक नया वर्जन भी लॉन्च किया था. 

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