राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को "राष्ट्रपत्नी" कहने पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी की जमकर आलोचना हो रही है. इसके बाद उन्होंने अपने बचाव में एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने सत्तारूढ़ भाजपा पर 'तिल का पहाड़' बनाने का आरोप लगाया है.
चौधरी ने वीडियो में कहा, 'भारत के राष्ट्रपति, कोई भी ब्राह्मण या आदिवासी हो- एक राष्ट्रपति एक राष्ट्रपति हैं. यह बहुत सम्मान और प्रतिष्ठा का पद है. कल, जब पत्रकारों ने मुझसे एक विरोध प्रदर्शन के दौरान पूछा कि हम कहां जा रहे हैं, तो मैंने कहा - हम जा रहे हैं राष्ट्रपति के घर, राष्ट्रपति से मिलने के लिए. अचानक, एक बार जबान फिसलने से 'राष्ट्रपत्नी' निकल गया. ऐसा इसलिए है क्योंकि पिछले कुछ दिनों में हमारे नए राष्ट्रपति पर इतनी चर्चा हुई है. बस एक बार, केवल एक बार, यह निकला है.
देखें VIDEO : 'राष्ट्रपत्नी' विवाद पर NDTV से क्या बोलीं कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी?
कांग्रेस सांसद ने कहा कि टिप्पणी के बाद, उन्होंने मीडिया से इसका इस्तेमाल न करने का अनुरोध किया था, लेकिन उन्होंने इसे चला दिया.
साथ ही उन्होंने कहा, 'अब बवाल हो गया. जुबां फिसलने से निकले एक शब्द पर. यह बहुत आश्चर्यजनक है. भाजपा के पास हमारे खिलाफ कहने के लिए कुछ भी नहीं है, इसलिए वे कुछ मसाला ढूंढते हैं. वे तिल का पहाड़ बना रहे हैं.'
भाजपा ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से माफी मांगने की मांग की है और उन पर उनकी पार्टी के नेता द्वारा इस तरह की टिप्पणी को 'मंजूरी देने' का आरोप लगाया है. यह पूछे जाने पर कि क्या चौधरी माफी मांगेंगे, सोनिया गांधी ने एनडीटीवी से कहा: "उन्होंने पहले ही माफी मांग ली है."
सत्तारूढ़ दल ने संसद के दोनों सदनों में विरोध किया, जिसकी वजह से सदनों को बार-बार स्थगित करना पड़ा.
लोकसभा में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस को संसद में और भारत की सड़कों पर भारत के प्रत्येक नागरिक से माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने कहा, "सोनिया गांधी ने लोकसभा में कांग्रेस पार्टी का नेता नियुक्त किया जो द्रौपदी मुर्मू जी को 'राष्ट्रपत्नी' कहते हैं... सोनिया गांधी के नेतृत्व में, कांग्रेसी संवैधानिक पदों पर बैठी महिलाओं का अपमान करते हैं. पहली आदिवासी राष्ट्रपति का अपमान करने पर कांग्रेस पार्टी हमारे देश की संसद में, भारत की सड़कों पर माफी मांगे.'
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्यसभा में कहा: "यह भारत के राष्ट्रपति का एक जानबूझकर, लिंगभेदी अपमान था।"