- दिल्ली के घनघोर प्रदूषण से छुटकारा दिलाने के लिए बीजिंग से तुलना करके कदम उठाने की मांग हो रही है
- चीन की राजधानी बीजिंग में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) गुरुवार को 217 यानी गंभीर स्तर पर पहुंच गया
- बीजिंग की हवा साफ करने पर 100 करोड़ डॉलर से अधिक खर्च हुए हैं. ऐसे में ये स्थिति हैरान करने वाली है
राजधानी दिल्ली में प्रदूषण से बुरा हाल है. गुरुवार शाम 4 बजे दिल्ली में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) 373 यानी बहुत खराब मापा गया. भारत में चीनी दूतावास की प्रवक्ता यू जिंग पिछले 3 दिनों से बता रही हैं कि किस तरह बीजिंग ने प्रदूषण की जंग जीती थी. चीन भले ही दिल्ली को जानलेवा प्रदूषण से छुटकारा दिलाने की टिप्स दे रहा हो, लेकिन सच्चाई ये है कि बीजिंग का इस वक्त स्मॉग के पॉल्यूशन से बुरा हाल है. हालांकि ये काफी दुर्लभ है.
बीजिंग में एयर क्वालिटी 'बहुत खराब'
AQI.in की रिपोर्ट के मुताबिक, गुरुवार शाम 5 बजे (भारतीय समयानुसार) चीन की राजधानी बीजिंग में एयर क्वालिटी इंडेक्स 218 यानी Severe की कैटिगरी में था. पूरे चीन के औसत के मुकाबले बीजिंग में प्रदूषण करीब डेढ़ गुना था. प्रदूषणकारी तत्व पीएम 2.5 का स्तर 142 और पीएम 10 का लेवल 188 था. चीन की नेशनल ऑब्जर्वेटरी ने बीजिंग समेत कई शहरों के लिए फॉग का यलो अलर्ट जारी किया है.
बीजिंग के आसमान में भी इस वक्त स्मॉग छाया हुआ है. Photo Credit: PTI
100 करोड़ डॉलर से ज्यादा खर्च हो चुके
बीजिंग की हवा को साफ करने पर चीन की सरकार 100 करोड़ डॉलर से ज्यादा की रकम खर्च कर चुकी है. इसके बावजूद बीजिंग पर छाई स्मॉग की गहरी चादर को काफी दुर्लभ माना जा रहा है. सरकार के प्रयासों के बाद बीजिंग की आबोहवा काफी साफ हुई है.
दिल्ली में जो इस वक्त हाल है, कुछ वैसी ही स्थिति 2016 से पहले बीजिंग की भी थी. इसी के मद्देनजर चीनी दूतावास की प्रवक्ता पिछले तीन दिनों से बता रही हैं कि किस तरह बीजिंग ने घनघोर प्रदूषण पर काबू पाया.
दिल्ली में गुरुवार शाम 4 बजे AQI 373 मापा गया. Photo Credit: IANS
बीजिंग की आबोहवा आमतौर पर साफ
गुरुवार को स्मॉग छाने से पहले बीजिंग की आबोहवा काफी हद तक साफ थी. आंकड़े बताते हैं कि बीजिंग इस साल के पहले 11 महीनों में पीएम 2.5 का औसत स्तर 26.5 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर रहा था. इन 11 महीनों में 282 दिनों तक शहर का एक्यूआई Good मापा गया, जो पिछले साल की तुलना में 23 दिन ज्यादा हैं.
दिल्ली जैसा नहीं था बीजिंग का प्रदूषण
दिल्ली के घनघोर प्रदूषण को देखते हुए तर्क दिए जा रहे हैं कि यहां भी बीजिंग की तरह सख्त उपाय किए जाने चाहिए. हालांकि एक्सपर्ट्स बताते हैं कि दिल्ली और बीजिंग में प्रदूषण के सोर्स में काफी अंतर है. बीजिंग में जहां प्रदूषण की प्रमुख वजह कोयला आधारित बिजली प्लांट, भारी उद्योग और वाहनों का प्रदूषण था. वहीं दिल्ली का प्रदूषण अधिक संरचनात्मक और कई सोर्स से होता है, पड़ोसी राज्यों में पराली का जलना, धूल, ट्रांसपोर्ट और अनौपचारिक उद्योग शामिल हैं.
बीजिंग में उद्योगों पर सख्ती से प्रदूषणकारी तत्व पीएम 2.5 को साफ करने में काफी मदद मिली थी. इसमें चीन के राजनीतिक सिस्टम का बड़ी भूमिका रही, जहां सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की एकदलीय सरकार में ऐसा करना संभव हो सका. क्या भारत जैसे बहुदलीय लोकतंत्र में ऐसा हो सकेगा, इसे लेकर कई आशंकाएं हैं.














