- अवंती बाई लोधी की जयंती पर लखनऊ और बरेली में उनके प्रति नेताओं ने माल्यार्पण और प्रतिमा उद्घाटन किया
- लोधी जाति के वोटरों के लिए बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा चल रही है
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अवंती बाई लोधी के नाम पर महिला बटालियन की शुरुआत का उल्लेख किया
16 अगस्त 2025 को अवंती बाई लोधी की जयंती मनाई गई. लखनऊ में उनकी मूर्ति पर माला चढ़ाने के लिए नेताओं में होड़ मची रही. सीएम योगी आदित्यनाथ से लेकर अखिलेश यादव सभी अपनी पार्टी के बड़े नेताओं के साथ पहुंचे. वहीं, बरेली में अवंती बाई लोधी की प्रतिमा के उद्घाटन के बहाने बीजेपी के लोधी समाज के नेताओं ने शक्ति प्रदर्शन किया. लोधी जाति के वोट के लिए समाजवादी पार्टी और बीजेपी में आर-पार की लड़ाई है. इसके अलावा एक लड़ाई बीजेपी के अंदर भी है. इस समाज के नेताओं ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर भी दावा ठोंक दिया है.
लोकसभा में शानदार प्रदर्शन के बाद सपा की जगी उम्मीदें
सारा खेल सरकार का है. बीजेपी हर हाल में तीसरी बार भी यूपी की सत्ता में बने रहना चाहती है. दूसरी तरफ लोकसभा में शानदार प्रदर्शन के बाद समाजवादी पार्टी सत्ता में वापसी को बेकरार है. सत्ता का खेल जातियों के सामाजिक समीकरण से तय होता है. कल्याण सिंह के कारण लोधी,राजपूत बीजेपी के साथ अंगद की तरह जुड़े रहे. पर अब इस बिरादरी के वोटरों में बिखराव होने लगा है. यहीं से समाजवादी पार्टी के लिए उम्मीदें जगने लगी हैं. बीजेपी के सामने चुनौती लोधी वोटरों को साथ रखने की है, जबकि अखिलेश यादव ने इन्हें अपना बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया है.
सीएम योगी और अखिलेश ने किया माल्यार्पण
लखनऊ में बीजेपी ऑफिस के ठीक सामने महारानी अवंती बाई लोधी की मूर्ति लगी है. आज सवेरे-सवेरे सीएम योगी आदित्यनाथ अपने दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक को लेकर अवंती बाई लोधी की मूर्ति पर माल्यार्पण करने पहुंच गए. मुख्यमंत्री ने कहा, 'हमने अवंती बाई लोधी जी के नाम पर पीएसी की एक महिला बटालियन की शुरूआत की है.' बीजेपी के नेताओं के निकलते ही अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी नेताओं संग पहुंच गए. अवंति बाई लोधी की मूर्ति पर माला चढ़ाई. फिर अखिलेश ने कहा, 'PDA का समाज ऐसे लोगों का सम्मान करता है.'
लोधी राजपूत वोटरों की निर्णायक भूमिका
यूपी की राजनीति में लोधी राजपूत वोटरों की निर्णायक भूमिका रही है. इसी समाज के कल्याण सिंह बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री बने. उनके प्रभाव के कारण इस बिरादरी के वोटर बीजेपी के साथ रहा. अब जब वे नहीं रहे तो उनके पोते संदीप सिंह यूपी सरकार में मंत्री हैं. कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह एटा से कई बार सांसद रहे. कल्याण सिंह के ही करीबी बी एल वर्मा मोदी सरकार में मंत्री हैं. इसी समाज के धर्मपाल सिंह लोधी यूपी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं. साक्षी महाराज उन्नाव से बीजेपी के सांसद हैं.
यूपी में लोध समाज के 23 विधायक
यूपी के OBC वोटरों में यादव और कुर्मी के बाद सबसे अधिक प्रभाव लोधी राजपूत का है. एक अनुमान के मुताबिक यूपी में करीब 5% लोध वोटर हैं. राज्य की 12 लोकसभा और करीब 70 विधानसभा सीटों पर इस बिरादरी के वोटरों का दबदबा है. जीत की चाभी इनके हाथ में है. यूपी में लोध समाज के 23 विधायक हैं. बीजेपी के पास 19 विधायक हैं तो 4 विधायक समाजवादी पार्टी से हैं.
यूपी में चुनाव भले ही 2027 में हैं, लेकिन 2025 से ही माहौल बनने लगा है. आज बरेली के आंवला में बीजेपी के लोधी राजपूत नेताओं ने अपना दम दिखाया. एमपी की पूर्व सीएम उमा भारती को भी बुलाया गया. कहते हैं कि कल्याण सिंह के बेटे राजवीर सिंह और केंद्रीय मंत्री बी एल वर्मा में नहीं बनती है. पर मंच पर आज सब साथ नजर आए. लोधी राजपूत समाज की दावेदारी यूपी में बीजेपी के अध्यक्ष पद पर है. राजनीति में प्रेशर वाली पॉलिटिक्स बहुत काम करती है. समाजवादी पार्टी के PDA की हवा निकालने के लिए बीजेपी बेचैन है.