हेमा मालिनी पर टिप्पणी को लेकर रणदीप सुरजेवाला के 48 घंटे तक प्रचार करने पर लगी रोक

चुनाव निगरानी संस्था ने उन्हें बताया कि उसे विश्वास है कि उन्होंने उक्त बयान दिया है और इस तरह आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया है.

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नई दिल्ली:

निर्वाचन आयोग ने भारतीय जनता पार्टी की सांसद हेमा मालिनी के खिलाफ कथित अपमानजनक टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला को फटकार लगाते हुए उनके चुनाव प्रचार करने पर मंगलवार को 48 घंटे के लिए रोक लगा दी.
इस लोकसभा चुनाव में निर्वाचन आयोग द्वारा किसी नेता के प्रचार करने पर प्रतिबंध लगाए जाने का यह पहला मामला है.

निर्वाचन आयोग ने हेमा मालिनी के खिलाफ कथित “अशोभनीय, असभ्य और अभद्र” टिप्पणी के लिए पिछले मंगलवार को सुरजेवाला को कारण बताओ नोटिस जारी किया था. कारण बताओ नोटिस के अपने जवाब में, कांग्रेस महासचिव ने कहा था कि भाजपा द्वारा उद्धृत वीडियो से “छेड़छाड़” की गयी थी.

निर्वाचन आयोग ने उनके दावे को खारिज कर दिया और कहा कि कैथल के जिला निर्वाचन अधिकारी ने संज्ञान लिया था कि कांग्रेस नेता ने 31 मार्च को पुंडरी विधानसभा क्षेत्र के फरल गांव में टिप्पणी की थी और पूरे भाषण की वीडियो निगरानी टीम द्वारा वीडियोग्राफी की गई थी.

चुनाव निगरानी संस्था ने उन्हें बताया कि उसे विश्वास है कि उन्होंने उक्त बयान दिया है और इस तरह आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन किया है.

आयोग ने कहा, “आयोग आदर्श आचार संहिता के उल्लंघनों से संबंधित मामले में उन्हें जारी किए गए या बाद में जारी किए जाने वाले किसी भी आदेश/नोटिस पर बिना किसी पूर्वाग्रह के, हरियाणा में चुनाव प्रचार के दौरान उनके द्वारा दिए गए आक्षेपित बयान की कड़ी निंदा करता है और कदाचार के लिए रणदीप सुरजेवाला को फटकार लगाता है.”

उसने कहा कि आयोग, संविधान के अनुच्छेद 324 और इस संबंध में सक्षम बनाने वाली अन्य सभी शक्तियों के तहत, सुरजेवाला को मौजूदा चुनाव के संदर्भ में 16 अप्रैल को शाम 6 बजे से 48 घंटे तक किसी भी जनसभा, सार्वजनिक जुलूस, सार्वजनिक रैली, रोड शो और साक्षात्कार, मीडिया (इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट, सोशल मीडिया) आदि में सार्वजनिक भाषण देने से रोकता है.

सुरजेवाला को अपने नोटिस में निर्वाचन आयोग ने कहा था कि सावधानीपूर्वक जांच करने पर टिप्पणियां “अत्यधिक अशोभनीय, असभ्य और अभद्र” पाई गईं, और प्रथम दृष्टया आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों और पिछले महीने पार्टियों को जारी की गई आयोग की सलाह का उल्लंघन है.
 

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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