बैंक को 300 करोड़ रुपये से अधिक को नुकसान पहुंचने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में मुंबई की एक सेंशस कोर्ट ने आज यस बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक (MD) और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) राणा कपूर (Rana Kapoor) को जमानत दे दी. विशेष PMLA अदालत ने उन्हें शर्तों के साथ जमानत दी है. कपूर को देश छोड़ने की इजाजत नहीं होगी. साथ ही कोर्ट में पासपोर्ट जमा कराने के निर्देश दिए गए हैं.
बिजनेसमैन गौतम थापर और सात अन्य को भी दिल्ली में प्राइम लोकेशन पर एक संपत्ति की बिक्री से संबंधित मामले में जमानत दी गई है.
हालांकि, राणा कपूर और थापर को अभी रिहा नहीं किया जाएगा क्योंकि वे कुछ अन्य मामलों के सिलसिले में न्यायिक हिरासत में हैं.
मौजूदा मामला दिल्ली में अमृता शेरगिल मार्ग पर स्थित एक प्रॉपर्टी को राणा कपूर की पत्नी बिंदु कपूर के स्वामित्व वाली कंपनी को बेचने के आरोपों से जुड़ा है. इस मामले में सीबीआई ने पिछले साल मुंबई में एक अलग एफआईआर दर्ज की थी.
बाद में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सीबीआई की एफआईआर के आधार पर राणा कपूर, बिंदु कपूर, गौतम थापर और सात अन्य लोगों को खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था.
कपूर की ओर से पेश वकील विजय अग्रवाल ने कोर्ट में दलील दी कि उनके मुवक्किल को मौजूदा मामले में जांच के दौरान प्रवर्तन निदेशालय ने गिरफ्तार नहीं किया है और चूंकि जांच एजेंसी ने राणा कपूर को गिरफ्तार किए बिना अभियोजन शिकायत दर्ज की है, इसलिए, सुप्रीम कोर्ट द्वारा स्थापित कानून के आधार पर, वह जमानत पर रिहा होने के हकदार हैं.
अग्रवाल ने अपनी दलील में कहा कि ईडी द्वारा आरोपी को गिरफ्तार किए बिना जमानत का विरोध करना न्यायाधीश के कंधे से गोली चलाने के समान है.
प्रवर्तन निदेशालय (ED) थापर की अवंता रियल्टी, राणा कपूर और उनकी पत्नी के बीच कथित लेन-देन की जांच कर रही है और उसने सीबीआई की प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है.
एफआईआर में दावा किया गया है कि थापर की कंपनी को बैंक द्वारा लोन के साथ-साथ मौजूदा ऋण सुविधा में रियायत मिलने के बाद यस बैंक के तत्कालीन एमडी और सीईओ राणा कपूर को दिल्ली में प्राइम लोकेशन पर अवंता रियल्टी लिमिडेट से जुड़ी एक प्रॉपर्टी बाजार दाम से काफी कीमत पर गैरकानूनी लाभ के रूप में मिली.
ईडी ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया है कि यस बैंक के तत्कालीन एमडी और सीईओ राणा कपूर ने नई दिल्ली में प्राइम लोकेशन पर स्थित संपत्ति को गलत तरीके से हासिल करने या ब्लिस एबोड नाम की एक फर्म (जिसका स्वामित्व उनकी पत्नी बिंदू कपूर के पास है) को हस्तांतरित करने के लिए एआरएल के साथ मिलीभगत की.
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