राज्यसभा में गुरुवार को हुए सभापति जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) के अपमान का मुद्दा आज सदन में जमकर गूंजा. सत्ता पक्ष के सांसदों ने विपक्षी सांसदों पर सभापति के अपमान करने का आरोप लगाया. इस दौरान बीजेपी की सहयोगी पार्टी के नेता रामदास आठवले (Ramdas Athwale) ने विपक्ष को आईना दिखाने की कोशिश की. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि हमारा मोदी जी से मिलन है, उनको इस बात की जलन है. उन्होंने दावा किया कि 2029 हो या 2034 या 2039 सरकार तो बीजेपी की ही आएगी. इसके साथ ही उन्होंने क्या कुछ कहा, जानिए.
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सदन में बात रखने के कुछ नियम होते हैं
सभापति पर विपक्ष के शब्दों से आहत रामदास आठवले ने कहा," आज का दिन हमारे लिए बहुत बड़ा काला दिन है. लोकतंत्र का मजाक उड़ाना, संसद का मजाक उड़ाना, सभापति का मजाक उड़ाना...सभापति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, 'आपने तो बहुत बार उनको टोका, बहुत बार दे दिया इन्होंने आपको ही धोखा'. बहुत बार आप इनको बहुत बड़ा चांस देते रहे. आपकी चेयर, अपोजिशन हो या सत्ता का हो, सबके लिए है. ये बात सही है कि आप सत्ताधारी पार्टी के माध्यम से चुनकर आए. अपोजिशन को भी अपनी बात रखने का अधिकार है. लेकिन इसके कुछ नियम होते हैं.
आठवले ने कहा कि नियमों की बात करने वाले हमेशा नियम तोड़ते रहे हैं. आज उन्होंने बहुत गलत काम किया है. मेरा तो मन किया था कि जो लोग रोज गड़बड़ करते हैं, 2-3 बार गड़बड़ किया ठीक है, चौथी बार अगर गड़बड़ करेंगे तो उनको सस्पेंड करना ही चाहिए. उनको अगर यहां का काम नहीं करना है और बात नहीं करनी है, कुछ नहीं सुनना है, तो ऐसे लोगों को यहां रहने का क्या अधिकार है.
2029 हो या 2034, 2039, बीजेपी ही आएगी
विपक्ष पर हमलावर आठवले ने कहा कि लोगों को लग रहा है कि मोदी जी तीसरी बार प्रधानमंत्री बन गए हैं, लोगो ने उनको मौका दिया, है. हमारा तो मोदी जी के साथ में मिलन है. उनको इस बात की जलन है. ये लोग कितनी भी कोशिश कर लें. अगली साल 2029 में भी हमारी सरकार आएगी. 2034 में 2039 में भी हमारी सरकार आएगी. जो नई सरकार आएगी, हम काम करते रहेंगे और आप भी वहां रहेंगे. चेयरमैन हैं, सभापति हैं, आपकी भी सुनते हैं और हमारी भी सुनते हैं. उसके बावजूद भी आपका ऐसा अपमान करना ठीक नहीं है.
आज की घटना का में निषेध करता हूं. मेरी पार्टी बाबा साहेब अंबेडकर की पार्टी है, उन्होंने संविधान बनाने में बहुत बड़ा योगदान दिया था. अपोजिशन और सत्ता पक्ष को अधिकार दिए, उनका उल्लंघन करना ठीक नहीं है. विपक्ष पर हमलावर आठवले ने कहा कि इनके ऊपर कार्रवाई होनी चाहिए. हर बार ये बाहर जाते हैं. मैं अपेक्षा करता हूं, ये हमेशा बाहर रहें और हम हमेशा अंदर रहें. ये जो कुछ भी हुआ वो ठीक नहीं है, इसका मैं निषेध करता हूं.
कुर्सी छोड़कर क्यों चले गए थे धनखड़?
8 अगस्त को सदन में कुछ ऐसा हुआ कि सभापति इस कदर भावुक हो गए कि आंखों में नमी और रुंधे गले के साथ अपनी कुर्सी छोड़कर चले गए थे. मामला पहलवान विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में अयोग्य घोषित किए जाने का था. विपक्षी दलों के सांसद इसे लेकर हंगामा कर रहे थे. पहले तो सभापति ने उन्हें शांत कराने की कोशिश की लेकिन सांसद फिर भी शोर मचाते रहे. टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन सभापति पर चिल्लाने लगे तो सभापति गुस्से में अपनी सीट से उठकर चले गए. विपक्ष के इस व्यवहार से वह काफी आहत दिखे. उन्होंने कहा कि वह कुछ समय के लिए आसन पर बैठने में खुद को सक्षम नहीं पा रहे हैं.