J&K के रामबन में बाढ़ का तांडव, कई घर बहे, रास्ते बंद... देखें तबाही के बाद अब कैसे हैं हालात

Ramban Flood Landslide: जम्मू कश्मीर के रामबन में बादल फटने के बाद आई बाढ़ और लैंडस्लाइड से भयानक तबाही मची है. इस तबाही में अभी तक तीन लोगों की मौत की खबर सामने आई है. देखें रामबन में अब हालात कैसे है?

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Ramban landslide: रामबन में बाढ़ की तबाही के बीच बच्चे सहित अन्य लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने की कोशिश में जुटे जवान.

Ramban Flood Landslide: मलबे में फंसी गाड़ियां, हाईवे ब्लॉक, रास्तों पर पत्थरों का ढेर, कई मकान-दुकान क्षतिग्रस्त, लोग अपना घर छोड़ सुरक्षित स्थानों पर बनाए गए अस्थायी राहत कैंपों में... कुछ ऐसा ही हालात है इस समय जम्मू कश्मीर के रामबन का. रविवार को रामबन में बादल फटने से अचानक आई बाढ़ ने ऐसी तबाही मचाई कि उसे देखकर हर कोई हैरान रह गया. इस समय जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ-साथ सेना और एनडीआरएफ, एडटीआरएफ की टीम पूरी मुस्तैदी से हालात को पटरी पर लाने की कोशिश में जुटी है. इधर मुख्यमंत्री, राज्यपाल सहित अन्य जिम्मेदारों ने बाढ़ से हुए नुकसान पर चिंता जताई है. 

सीएम ने केंद्र सरकार से मुआवजे की मांग की

नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को जम्मू और कश्मीर के रामबन जिले में भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से हुए भारी नुकसान पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि कई लोगों की जान चली गई, बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा और कई वाहन मलबे में फंस गए. उन्होंने केंद्र सरकार से सहायता और मुआवजा देने का आग्रह किया.

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बनिहाल में भारी नुकसान, सुरंग के पास का पुल भी टूटा

फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "रामबन में भारी नुकसान हुआ है. तीन लोगों की मौत की खबर है. मलबे में कई वाहन फंसे हुए हैं. काफी नुकसान हुआ है. सुरंग के पास एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया है. बनिहाल में भी भारी नुकसान हुआ है."

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सीएम ने केंद्र सरकार से सहयोग की अपील की

उन्होंने आश्वासन दिया कि जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी और केंद्र सरकार को सहयोग के लिए आगे आना चाहिए. उन्होंने कहा, "यह एक आपदा है और हम हरसंभव मदद मुहैया कराएंगे. हमने केंद्र से भी अनुरोध किया है कि वह इस आपदा से निपटने में हमारी मदद करे और नुकसान की कुछ हद तक भरपाई करें."

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मिट्टी, पत्थरों और मलबे में दबी गाड़ियां

भारी बारिश के बाद रामबन के वार्ड नंबर 2 में शान पैलेस इलाके में भूस्खलन के बाद कई वाहन और लोगों के फंसे होने की आशंका है. स्थानीय पुलिस और होटल के कर्मचारी तुरंत मौके पर पहुंचे और फंसे हुए लोगों को बचाया. घटनास्थल से मिले दृश्यों में वाहन मिट्टी, पत्थरों और मलबे में दबे हुए दिखाई दे रहे हैं. दुकानें और एक रेस्तरां भी क्षतिग्रस्त हो गए.

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स्थानीय लोग छतों पर खड़े होकर नुकसान का आकलन करने की कोशिश करते देखे गए. अभी तक, फंसे हुए लोगों या अन्य हताहतों की सही संख्या के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.

डिप्टी सीएम प्रभावित क्षेत्रों का कर रहें दौरा

जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने भी रविवार को रामबन जिले में लगातार बारिश के चलते अचानक आई बाढ़ के कारण तीन लोगों की मौत पर दुख व्यक्त किया है. वहीं, उपमुख्यमंत्री सुरिंदर चौधरी स्थिति का जायजा लेने के लिए प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं.

राज्यपाल बोले- बचाव दल से तेजी से राहत सुनिश्चित करने में जुटी

राज्यपाल मनोज सिन्हा ने अपने संदेश में कहा, ‘‘रामबन में लगातार बारिश के चलते अचानक आई बाढ़ के कारण लोगों की मौत होने से मैं बहुत दुखी हूं. दुख की इस घड़ी में मैं शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता हूं.'' उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और बचाव दल तेजी से राहत सुनिश्चित करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता दी जा रही है.

जम्मू-श्रीनगर हाईवे करीब एक दर्जन स्थानों पर डैमेज

अधिकारियों ने बताया कि रविवार तड़के रामबन जिले में विभिन्न स्थानों पर भारी बारिश के कारण अचानक आई बाढ़ में तीन लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 से अधिक लोगों को बचा लिया गया. लगातार बारिश के कारण रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर नाशरी और बनिहाल के बीच करीब एक दर्जन स्थानों पर भूस्खलन हुआ और मिट्टी धंस गई, जिससे यातायात अस्थायी तौर पर रोकना पड़ा.

सेरी बागना गांव में दो सगे भाई सहित 3 की मौत

अधिकारियों ने बताया कि रामबन के सेरी बागना गांव में बादल फटने से तीन लोगों की मौत हो गई, जिनमें दो भाई आकिब अहमद और मोहम्मद साकिब शामिल थे. अधिकारियों ने बताया कि धर्म कुंड गांव में अचानक आई बाढ़ के कारण करीब 40 घर क्षतिग्रस्त हो गए. उन्होंने बताया कि दस घर पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि बाकी को आंशिक नुकसान पहुंचा है.

राहत शिविरों में भोजन सहित अन्य बुनियादी सामान

अधिकारियों के अनुसार, लगातार बारिश और बादल फटने की घटना के बीच मौके पर पहुंचे पुलिस कर्मियों ने 100 से अधिक फंसे हुए ग्रामीणों को बचा लिया. लोगों को राहत शिविर में सेना के जवान भोजन सहित अन्य बुनियादी जरूरतें पूरी करवा रहे हैं.

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