राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम (Ram Mandir Pran Pratishtha) में वाम दलों के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के भी शामिल नहीं होने की संभावना है. तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress) से जुड़े सूत्रों ने संकेत दिया है कि ममता बनर्जी मंच साझा नहीं करना चाहेंगी, जिसे लेकर उनकी पार्टी को लगता है कि यह भाजपा की राजनीतिक चर्चा का हिस्सा है. हालांकि इसे लेकर फिलहाल कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन NDTV के साथ खास बातचीत में पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि इस मुद्दे पर टीएमसी का रुख स्पष्ट है कि वह भगवान राम के नाम का दुरुपयोग करने के बीजेपी के इरादे के खिलाफ है.
कुणाल घोष ने कहा कि ममता बनर्जी इस मुद्दे को लेकर जल्द ही अपना रुख खुद साफ करेंगी. घोष ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस का रुख साफ है कि हम सभी धर्मों और भगवान राम का सम्मान करते हैं, हम उनकी पूजा करते हैं, लेकिन बीजेपी अपने चुनाव एजेंट के रूप में भगवान राम का दुरुपयोग कर रही है, हम इसी का विरोध करते हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा आम लोगों को महत्वपूर्ण आर्थिक मुद्दों से भटकाने की कोशिश कर रही है. वह भगवान राम के नाम का गलत इस्तेमाल कर रही है. हम भगवान राम के दुरुपयोग के राजनीतिक इवेंट का विरोध कर रहे हैं.
राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को होना है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और 6000 से अधिक लोगों के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लेने की उम्मीद है.
माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने इस कार्यक्रम में शामिल होने के निमंत्रण को ठुकरा दिया है. पार्टी ने मंगलवार को कहा कि उसका मानना है कि धर्म एक व्यक्तिगत मामला है.
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