"पुजारी की जिम्मेदारी उठा रहे हैं तो..." : अमित शाह के राम मंदिर तैयार होने की तारीख बताने पर पवार

शरद पवार ने कहा, ‘‘मुझे यकीन नहीं है कि यह मुद्दा (राम मंदिर तैयार होने की तारीख) केंद्रीय गृह मंत्री से संबंधित है. अगर राम मंदिर के पुजारी ने ऐसा कहा होता तो अच्छा होता, लेकिन अगर वह (शाह) पुजारी की जिम्मेदारी उठा रहे हैं तो इसमें कोई आपत्ति नहीं है.’’

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शरद पवार ने गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर निशाना साधा.  (फाइल)
कोल्हापुर:

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने रविवार को अयोध्या में राम मंदिर तैयार होने की तारीख संबंधी गृह मंत्री अमित शाह के बयान को लेकर निशाना साधा और दावा किया कि वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह की बयानबाजी की जा रही है. पवार ने इस बात को लेकर आश्चर्य जताया कि क्या मंदिर का मामला केंद्रीय गृह मंत्री से संबंधित है. उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अगुवाई वाली ‘‘भारत जोड़ो यात्रा'' की भी प्रशंसा की और कहा कि इस यात्रा से विपक्षी दलों के बीच आम सहमति बनाने में मदद मिलेगी.

राकांपा प्रमुख ने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘मुझे यकीन नहीं है कि यह मुद्दा (राम मंदिर तैयार होने की तारीख) केंद्रीय गृह मंत्री से संबंधित है. अगर राम मंदिर के पुजारी ने ऐसा कहा होता तो अच्छा होता, लेकिन अगर वह (शाह) पुजारी की जिम्मेदारी उठा रहे हैं तो इसमें कोई आपत्ति नहीं है.... राम मंदिर जैसे मुद्दों को असली मुद्दों से भटकाने के लिए उठाया जा रहा है.''

कन्याकुमारी से कश्मीर तक 3,500 किलोमीटर लंबी ‘भारत जोड़ो यात्रा' निकाल रहे कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए शाह ने बृहस्पतिवार को त्रिपुरा के सबरूम में कहा था, ‘‘राहुल बाबा, सबरूम से सुनिये, एक जनवरी 2024 तक भव्य राम मंदिर बनकर तैयार हो जायेगा.''

वहीं, पवार वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा और महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना और कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ने की वकालत की.

संवाददाताओं से बातचीत करते हुए उन्होंने दावा किया कि शिवसेना में विभाजन के बावजूद जमीन पर काम करने वाले ज्यादातर शिवसैनिक उद्धव ठाकरे के साथ है.

पवार ने कहा कि विभाजन के बाद भले ही विधायक और सांसद एकनाथ शिंदे नीत शिवसेना के साथ चले गए हैं, लेकिन जब चुनाव होगा तो वे भी जनता का रुख जानेंगे. 

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उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में संपन्न महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद मुख्यमंत्री पद को लेकर हुए विवाद की वजह से शिवसेना ने अपनी पुरानी सहयोगी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से नाता तोड़ लिया था और राकांपा - कांग्रेस के साथ मिलकर महा विकास आघाड़ी (एमवीए) की राज्य में सरकार बनाई थी.

पिछले साल जून में शिंदे के नेतृत्व में शिवसेना के ज्यादातर विधायकों के बगावत करने के बाद महाराष्ट्र सरकार गिर गई थी.

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गठबंधन के सवाल पर पवार ने कहा, ‘‘कांग्रेस, राकांपा और उद्धव ठाकरे नीत शिवसेना की समझ है कि (लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए) उन्हें साथ मिलकर काम करना चाहिए. रिपब्लिकन पार्टी और कुछ अन्य समूहों को शामिल किया जाना चाहिए, लेकिन हम चर्चा कर रहे हैं. हमने कई मुद्दों पर मिलकर फैसला लिया है और इसलिए इसको लेकर कोई समस्या नहीं है.''

राकांपा प्रमुख ने पिछले साल भी कहा था कि एमवीए गठबंधन को मिलकर आगामी महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव लड़ना चाहिए.

गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव मई 2024 में होने हैं और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए अगले साल अक्टूबर में चुनाव होने की संभावना है.

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ठाकरे ने पिछले साल नवंबर में अनुमान जताया था कि महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव हो सकते हैं और इसलिए अपने कार्यकर्ताओं को तैयार रहने को कहा था.

महाराष्ट्र और कर्नाटक के बीच चल रहे सीमा विवाद पर पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने विभिन्न दलों के साथ बैठक की थी. उन्होंने कहा कि इस देश के शीर्ष कानूनविदों की सेवा को लेकर इस मामले में राज्य के पक्ष को मजबूती से अदालत के समक्ष रखना चाहिए.

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