वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय (Ram Bahadur Rai) को साहित्य, शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया जाएगा. शनिवार को हुए ऐलान में 19 लोगों को पद्म भूषण देने की घोषणा हुई जिनमें रामबहादुर राय का नाम भी शामिल है. वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय को साहित्य, शिक्षा और पत्रकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है.
राम बहादुर राय पिछले पांच दशकों से पत्रकारिता में सक्रिय हैं और वर्तमान में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (IGNCA) के अध्यक्ष हैं. इससे पहले उन्हें साल 2015 पद्म श्री से भी सम्मानित किया जा चुका है.
गाजीपुर के रहने वाले हैं राम बहादुर राय
राम बहादुर राय का जन्म उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में हुआ था. वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से भी जुड़े रहे हैं और जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में हुए आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई थी. उन्होंने कई समाचार संस्थानों के साथ कार्य किया. अपने निष्पक्ष और निर्भीक लेखन के लिए उन्हें जाना जाता है.
कई किताबों के हैं लेखक
राम बहादुर राय ने अपने 5 दशक के पत्रकारिता के दौरान कई किताब लिखी है.
- भारतीय संविधान: अनकही कहानी : यह किताब भारतीय संविधान निर्माण की प्रक्रिया, उससे जुड़े ऐतिहासिक और सामाजिक पहलुओं पर केंद्रित है. इसमें डॉ. भीमराव अंबेडकर और संविधान सभा के अन्य प्रमुख सदस्यों के योगदान पर चर्चा है.
- भारत में समाजवाद का इतिहास : यह पुस्तक भारत में समाजवादी आंदोलन के विकास, उत्थान और उसके सामाजिक प्रभावों को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत के तौर पर जाना जाता है.
राम बहादुर राय से जुड़ी प्रमुख बातें
- जनसत्ता अखबार के रह चुके हैं संपादक: राम बहादुर राय प्रसिद्ध हिंदी पत्रकार और जनसत्ता अखबार के पूर्व समाचार संपादक रह चुके हैं. उन्होंने वीपी सिंह पर 'मंजिल से ज्यादा सफर' और 'चंद्रशेखर पर रहवरी के सवाल' नाम से किताबें भी लिखी हैं.
- जयप्रकाश नारायण के करीबी थे राम बहादुर राय: राम बहादुर राय गांधीवादी समाजवादी जयप्रकाश नारायण के करीबी सहयोगी थे और जेपी आंदोलन का नेतृत्व करने वाली 11 सदस्यीय संचालन समिति का भी हिस्सा थे.
- अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के भी रह चुके हैं सदस्य: राम बहादुर राय, बिहार सरकार में कुशासन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जेपी के नेतृत्व में 1974 के बिहार आंदोलन के दौरान अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के संगठन सचिव थे.उन्होंने आंदोलन में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया था.
- हवाला रिश्वत कांड का किया था खुलासा: राम बहादुर राय उन पहले पत्रकारों में से एक थे जिन्होंने 1991 के हवाला रिश्वत कांड के बारे में हिंदी दैनिक जनसत्ता के साथ काम करते हुए रिपोर्ट की थी. उस समय लालकृष्ण आडवाणी, वीसी शुक्ला, पी. शिवशंकर, शरद यादव, बलराम जाखड़ और मदन लाल खुराना जैसे कई महत्वपूर्ण राजनेता इस सूची में शामिल थे. उनके इस खुलासे के बाद भारतीय राजनीति में सनसनी फैल गयी थी.
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