कृषि कानून वापस लेने से 'मिशन यूपी' बंद नहीं होगा, हमें 'मवाली' तक कहा गया : NDTV से राकेश टिकैत

उन्होंने कहा है कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि प्रधानमंत्री कानून को वापस ले लेंगे. मिशन यूपी चलता रहेगा. 22 नवंबर को लखनऊ में पंचायत होगी.

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कृषि कानून वापसी के ऐलान के बाद राकेश टिकैत ने दी प्रतिक्रया

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi)ने प्रकाश पर्व के दिन तीनों कृषि कानून (Farm Laws)वापस लेने का ऐलान कर दिया है. वहीं इस बीच किसान नेता राकेश टिकैत का बयान आया है. उन्होंने कहा है कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि प्रधानमंत्री कानून को वापस ले लेंगे.  मिशन यूपी चलता रहेगा. 22 नवंबर को लखनऊ में पंचायत होगी. टिकैत ने कहा कि हमारे खिलाफ कार्टून बनाए गए, मवाली कहा गया. ये सारी चीजें पंचायत में रखेंगे.

किसानों से सरकार बातचीत करे, उसी से समाधान निकलेगा.  उन्होंने साफ करते हुए कहा कि हमारा धरना किसी राजनीतिक पार्टी के कहने से न चलेगा, न खत्म होगा. एमएसपी ( MSP)की गारंटी भी एक मुद्दा है. आज संयुक्त मोर्चा की मीटिंग में फैसला होगा कि क्या करना है? बता दें कि आगामी विधानसभा चुनावों को लेकर राकेश टिकैत ने मिशन यूपी का जिक्र किया था. उन्होंने कहा था कि कोई भी सरकार अगर गलत काम करेगी तो उसके खिलाफ आंदोलन चलेगा. हम जनता को अपनी मुद्दे बताएंगे. हम जनता के बीच में जाएंगे और बातचीत करेंगे. 

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गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government)ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों (Farm Laws)को वापस करने का फैसला किया है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरु नानक के जन्मोत्सव पर प्रकाश पर्व के पावन अवसर पर राष्ट्र के नाम संदेश में इसकी घोषणा की.   इन कानूनों को जून, 2020 में सबसे पहले अध्यादेश के तौर पर लागू किया था. इस अध्यादेश का पंजाब में तभी विरोध शुरू हो गया था.

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इसके बाद सितंबर के मॉनसून सत्र में इसपर बिल संसद के दोनों सदनों में पास कर दिया गया. किसानों का विरोध और तेज हो गया. हालांकि इसके बावजूद सरकार इसे राष्ट्रपति के पास ले गई और उनके हस्ताक्षर के साथ ही ये बिल कानून बन गए. तबसे पंजाब-हरियाणा से शुरू हुआ किसान आंदोलन 26 नवंबर तक दिल्ली की सीमा पर पहुंच गया और आज तक यहां कई जगहों पर किसान मौजूद हैं और आंदोलन बड़ा रूप ले चुका है.

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