भारतीय किसान यूनियन (BKU Leader) के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने महाराष्ट्र के पालघर में रैली की. टिकैत ने कहा कि यह पूरे देश के किसानों का आंदोलन है. राकेश टिकैत ने जनसभा में कहा कि 2011 में जब मोदी जी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने एक कानून ड्राफ्ट बना कर दिया था MSP पर गारंटी का. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश को लागू करने का घोषणा पत्र में दिया था. 2012 में इसी कानून को बीजेपी ने काले कानून कहे थे. वही 8 साल में सफेद कैसे हो गए? आज प्रधानमंत्री ने 3 काले कानून वापस लेने की बात कही है. तीन कानून और बाकी के भी मुद्दे पर कमिटी बनाकर बात होनी चाहिए.
कृषि कानून वापस लेने के PM के ऐलान के बाद बोले राकेश टिकैत, 'आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम.....'
टिकैत ने कहा कि जल जंगल और जमीन पर उस आदमी का अधिकार होता है जो इनकी रक्षा करे. ये ऐसा ही क्षेत्र है जहां के लोग अपनी जमीन सरकार को देना नहीं चाहते. पालघर को हमेशा याद रखा जाएगा. मैं यहाँ था और प्रधानमंत्री का फैसला आया. आदिवासी कोई जातियां नही होती.शहर के लोग गांव वालों को आदिवासी ही मानते हैं. हम भी आदिवासी ही हैं. यहाँ पर सभी सयुंक्त मोर्चे के हिस्सेदार हो.
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हम 28 तारीख को भी मुम्बई आएंगे. जब तक मसलों का समाधान नही होगा हम वापस नही जाएंगे.मैं आप लोगों को कहूंगा कि प्रेस से बात करते रहो. ये हमारे दूत हैं. यही हमारी बात सरकार तक पहुचाते हैं. आपने देश के किसानों को पाकिस्तानी और खालिस्तानी बताया .आपको उनसे भी मांगनी चाहिए.
कृषि कानून वापस होने के बाद गाजीपुर बार्डर के किसान खुश, 11 महीने से यहीं रह रहे राकेश टिकैत