राज्यसभा सचिवालय ने सोमवार को कहा कि उप राष्ट्रपति संसद के केंद्रीय कक्ष में नेताओं की स्मृति में आयोजित कार्यक्रमों में परिपाटी के तहत भाग नहीं लेते. 14 नवंबर को देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की जयंती (Jawaharlal Nehru Birth Anniversary) थी. इस अवसर पर संसद के सेंट्रल हॉल में नेहरू के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित की जाती है. समारोह में राज्यसभा के सभापति और लोकसभा स्पीकर के नहीं आने पर कांग्रेस ने नाराजगी जताई थी.
कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि कोई भी वरिष्ठ मंत्री, राज्यसभा चेयरमैन वेंकैया नायडू और लोकसभा स्पीकर समारोह में शामिल नहीं हुए. राज्यसभा सचिवालय की ओर से इसी टिप्पणी पर जवाब आया है.
राज्यसभा सचिवालय ने एक बयान में कहा, ‘‘इस सदंर्भ में यह उल्लेखित किया जाता है कि उप राष्ट्रपति केंद्रीय कक्ष में आयोजित ऐसे कार्यक्रम में कभी शामिल नहीं हुए जो एक परिपाटी भी है. यह गुमराह करने की बात है कि उप राष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू कल के समारोह से दूर रहे.'' बयान में कहा गया है, ‘‘गुमराह करने वाली रिपोर्ट से उप राष्ट्रपति गहरा धक्का लगा है.''
सचिवालय ने यह भी कहा कि उप राष्ट्रपति रविवार को दिल्ली में थे और उन्होंने नेहरू को श्रद्धांजलि दी जिसकी खबर मीडिया में आई.
राज्यसभा में कांग्रेस के मुख्य सचेतक जयराम रमेश ने सरकार की आलोचना करते हुए ट्वीट किया था, ‘‘केंद्रीय कक्ष में जिन लोगों की तस्वीरें लगी हैं, उनकी जयंती मनाने से संबंधित पारंपरिक कार्यक्रम में आज असाधारण दृश्य दिखा. लोकसभा के अध्यक्ष अनुपस्थित रहे. राज्यसभा के सभापति अनुपस्थित रहे. एक भी मंत्री मौजूद नहीं था. क्या इससे बुरा कुछ हो सकता है?''
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा है कि वह जब भी दिल्ली में होते हैं तो ऐसे कार्यक्रमों में शिरकत करते हैं. उन्होंने 2019 और 2020 में इसी तरह के कार्यक्रमों में भाग लिया है. कल, वह एक आधिकारिक समारोह में भाग लेने के लिए जयपुर में थे.
लोकसभा की प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री भानु प्रताप सिंह वर्मा इस कार्यक्रम में शामिल होने वाले गणमान्य व्यक्तियों में शामिल थे.
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