इजराइल के कई शहरों में आतंकी संगठन हमास के लड़ाकों ने हमला किया है. कई मोर्चों पर इजराइली सेना और हमास लड़ाके आमने-सामने हैं. सूत्रों ने बताया कि राज्यसभा सांसद डॉ. वानवेइरॉय खरलुखी, उनकी पत्नी और बेटी इज़राइल में फंसे कई भारतीयों में से हैं. मेघालय में सत्तारूढ़ नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के वरिष्ठ सदस्य डॉ. खरलुखी और पूर्वोत्तर राज्य के 24 अन्य मूल निवासी, जो तीर्थयात्रा के लिए यरूशलेम गए थे, हमास के हमलों के बाद बेथलहम में फंस गए हैं.
मेघालय के मुख्यमंत्री और एनपीपी प्रमुख कॉनराड संगमा ने कहा कि वह खरलुखी की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित करने के लिए विदेश मंत्रालय (एमईए) के संपर्क में हैं. सूत्रों के मुताबिक, उन्हें रविवार को मिस्र स्थित भारतीय मिशन द्वारा निकाला जा सकता है.
इजराइल और फिलिस्तीन में स्थित भारतीय दूतावासों ने वहां रह रहे भारतीय नागरिकों को सतर्क रहने के लिए कहा है. साथ ही सलाह दी है कि अगर कोई परेशानी होती है, तो तुरंत उनसे संपर्क करें. इजराइल के कई शहरों पर हमास के लड़ाकों ने हमला किया है और अब तक दोनों और 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
इजराइल में 18,000 से अधिक भारतीय नागरिक हैं, जिनमें ज्यादातर आईटी प्रोफेशनल और छात्र हैं. इसके अतिरिक्त, इज़राइल में भारतीय मूल के लगभग 85,000 यहूदी हैं. भारत से इज़राइल में इमिग्रेशन की मुख्य घटनाएं 1950 और 1960 के दशक में देखने को मिलीं. लेकिन हाल के वर्षों में मिजोरम और मणिपुर से यहूदी लोगों के इमिग्रेशन में फिर वृद्धि हुई है.
भारतीय दूतावास ने बताया, "इजराइल में मौजूदा स्थिति को देखते हुए सभी भारतीय नागरिकों से सतर्क रहने और स्थानीय अधिकारियों की सलाह के अनुसार सुरक्षा प्रोटोकॉल का पालन करने का अनुरोध किया गया है. कृपया सावधानी बरतें, अनावश्यक आवाजाही से बचें और सुरक्षा आश्रयों के करीब रहें."
बता दें कि हमास के खिलाफ जवाबी कार्रवाई में अब तक इजराइली हमलों में 256 लोगों की मौत हो चुकी है. वहीं, 1600 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं. बता दें कि हमास के हमले में 300 से ज्यादा इजराइल के लोगों की मौत हुई है. और सैकड़ों लोग लापता हैं.
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