निर्वाचन आयोग ने शुक्रवार देर रात हरियाणा और महाराष्ट्र में राज्यसभा चुनावों के लिए रिटर्निंग अधिकारियों को मतगणना शुरू करने का निर्देश दिया, जो नियमों के उल्लंघन की शिकायतों के कारण रोक दी गई थी.
आयोग ने महाराष्ट्र के रिटर्निंग अधिकारी को शिवसेना विधायक सुहास कांडे के वोट को खारिज करने का भी निर्देश दिया.
अधिकारियों ने कहा कि आयोग के शीर्ष अधिकारियों ने वीडियो फुटेज सहित दोनों राज्यों में चुनावों के लिए रिटर्निंग अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत विस्तृत रिपोर्ट को देखा और फिर मतगणना शुरू करने को हरी झंडी दिखाई.
महाराष्ट्र में मतगणना रोक दी गई थी, क्योंकि विपक्षी भाजपा ने सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के तीन विधायकों कैबिनेट मंत्री जितेंद्र आव्हाड (राकांपा) और यशोमती ठाकुर (कांग्रेस) और शिवसेना के विधायक सुहास कांडे पर आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था.
भाजपा ने आरोप लगाया कि आव्हाड और ठाकुर ने अपने-अपने मतपत्र अपनी पार्टी के एजेंट को सौंप दिए, जबकि कांडे ने दो अलग-अलग एजेंट को अपना मतपत्र दिखाया.
हरियाणा में भी इन्हीं कारणों से मतगणना रोकी गई थी. भाजपा प्रत्याशी कृष्ण लाल पंवार और निर्दलीय उम्मीदवार कार्तिकेय शर्मा ने आयोग को भेजे संदेश में आरोप लगाया था कि कांग्रेस विधायक किरण चौधरी और बी बी बत्रा ने अनधिकृत व्यक्तियों को अपने मतपत्रों को दिखाया और प्रकरण कैमरे में रिकॉर्ड किया गया है.
इस बीच, कांग्रेस ने चुनाव आयोग का रुख किया और भाजपा पर हरियाणा में राज्यसभा के लिए स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव की प्रक्रिया को असफल करने की कोशिश करने का आरोप लगाया तथा फौरन नतीजे घोषित करने की मांग की.