सेना को सलाह देने के बाद रक्षा मंत्री ने जम्मू-कश्मीर में मृतक नागरिकों के परिजनों से की मुलाकात

राजनाथ सिंह ने राजौरी में सैनिकों से कहा कि आप देश के रखवाले हैं. देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी के साथ-साथ आम लोगों के दिल जीतने की भी बड़ी जिम्मेदारी आपके कंधों पर है.

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नई दिल्ली:

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Defense Minister Rajnath Singh) ने बुधवार को उन तीन लोगों के परिवारों को न्याय का आश्वासन दिया जो पिछले सप्ताह जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिला में दो सैन्य वाहनों पर घात लगाकर किए गए हमले के बाद कथित तौर पर सेना द्वारा हिरासत में लिए जाने के बाद मृत पाए गए थे. सिंह, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे और उपराज्यपाल मनोज सिन्हा के साथ बुधवार दोपहर राजौरी जिले में पहुंचे और तीनों मृतकों के परिवारों से मुलाकात की. वह ‘यातना' के शिकार चार अन्य लोगों की सेहत की जानकारी लेने राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय (जीएमसी) अस्तपाल भी गए.

रक्षा मंत्री ने अस्पताल का भी किया दौरा

रक्षा मंत्री, उपराज्यपाल जब मारे गए लोगों के परिजनों से मुलाकात कर रहे थे तब कई जिला विकास परिषद (डीडीसी) सदस्य, पूर्व विधायक और नागरिक समाज के सदस्य भी मौजूद थे. रक्षा मंत्री डाक बंगले में मृतकों के परिवारों से मुलाकात करने के बाद जीएमसी अस्पताल पहुंचे. जीएमसी अस्पताल परिसर में उन्होंने संवादाताओं से कहा, ‘‘जो कुछ भी हुआ...न्याय होगा.''

पुंछ के सुरनकोट इलाके में 21 दिसंबर को ढेरा की गली और बफलियाज के बीच धत्यार मोड़ पर आतंकवादियों ने सेना के वाहनों पर घात लगाकर हमला किया था जिसमें चार सैनिक शहीद हो गए थे और तीन अन्य घायल हो गए.

मृतक पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए थे

हमले के बाद तीन नागरिकों सफीर हुसैन (43), मोहम्मद शौकत (27) और शब्बीर अहमद (32) को कथित तौर पर मामले में पूछताछ के लिए सेना ने हिरासत में लिया था और 22 दिसंबर को वे मृत पाए गए. इसके बाद सोशल मीडिया मंच पर वीडियो क्लिप वायरल हुआ था जिसमें कथित तौर पर दिखाई दे रहा है कि उन्हें यातना दी जा रही है. आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान राजौरी के थानामंडी इलाके में सैनिकों द्वारा कथित तौर पर पिटाई के बाद चार लोगों मोहम्मद जुल्फकार, उनके भाई मोहम्मद बेताब, फजल हुसैन और मोहम्मद फारूक को गत शुक्रवार को जीएमसी अस्पताल, राजौरी में भर्ती कराया गया था.

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आतंकवादियों की तलाश अब भी जारी है.

डाक बंगले में हुई बैठक के दौरान मौजूद रहीं पूर्व विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) शहनाज गनई ने ‘पीटीआई-भाषा' को बताया, ‘‘रक्षा मंत्री ने मारे गए लोगों के परिवारों, नागरिक समाज से मुलाकात की और घटना की जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कार्रवाई का आश्वासन दिया.'' गनई ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि पीड़ित परिवारों को न्याय मिलेगा और रक्षा मंत्री इन लोगों का दुख साझा करने, उन्हें सांत्वना और भरोसा दिलाने आए थे.

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उन्होंने कहा कि हम इस घटना की निंदा करते हुए अपने वीर जवानों को श्रद्धांजलि भी अर्पित करते हैं और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं. हम राजौरी-पुंछ के लोग देश के भीतर या बाहर के अराजक तत्वों को इस तरह की घटनाओं का फायदा उठाने नहीं देंगे.

राजनाथ सिंह ने सेना को सावधानी बरतने की दी सलाह

रक्षा मंत्री ने सेना द्वारा पूछताछ के लिए हिरासत में लिए जाने के बाद मृत पाए गए तीन नागरिकों का परोक्ष उल्लेख करते हुए बुधवार को कहा कि सैनिक देश को सुरक्षित रखते हैं, लेकिन कभी-कभी ऐसी गलतियां हो जाती हैं, जो नहीं होनी चाहिए. सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के लिए जम्मू-कश्मीर पहुंचे सिंह ने कहा, 'राष्ट्र की सुरक्षा का अपना कर्तव्य निभाते हुए लोगों का दिल जीतना सैनिकों की जिम्मेदारी है.'

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सिंह ने राजौरी में सैनिकों से कहा, 'आप देश के रखवाले हैं. देश की सुरक्षा की जिम्मेदारी के साथ-साथ आम लोगों के दिल जीतने की भी बड़ी जिम्मेदारी आपके कंधों पर है. आप इस दिशा में प्रयास भी कर रहे हैं, लेकिन कभी-कभी चूक हो जाती हैं. ऐसी चूक नहीं होनी चाहिए, जिससे देश के किसी भी नागरिक को ठेस पहुंचे.'

सेना ने आंतरिक जांच का दिया है आदेश

सेना ने नागरिकों की मौत की गहन आंतरिक जांच का आदेश दिया और कहा कि वह जांच में पूर्ण समर्थन और सहयोग देने के लिए प्रतिबद्ध है. सिंह ने कहा कि युद्ध को जीतने और आतंकवाद को खत्म करने के लिए आपको लोगों के दिलों को जीतना होगा. उन्होंने कहा, 'हम किसी भी युद्ध को जीत लेंगे और आतंकवाद का भी ख़त्मा करेंगे, लेकिन इस दौरान हमें लोगों का दिल भी जीतना है - और यह आपके कंधों पर एक बड़ी ज़िम्मेदारी है.'

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