फटाफट पढ़ें
Summary is AI-generated, newsroom-reviewed
- राजनाथ सिंह ने भारत में फाइटर जेट इंजन निर्माण शुरू करने की घोषणा की है, जो स्वदेशी क्षमता को बढ़ाएगा.
- रक्षा बजट में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. यह 2024-25 में 6.21 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है
- HAL को तेजस फाइटर प्लेन के निर्माण के लिए कुल 1.14 लाख करोड़ रुपये के दो बड़े ऑर्डर दिए गए हैं.
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फाइटर जेट इंजन पर बड़ा खुलासा कर दिया. साथ ही पाकिस्तान के बड़बोले फिल्ड मार्शल की एक टिप्पणी को याद दिलाते हुए उनके देश की हैसियत बता दी. राजनाथ सिंह ने कहा, 'हाल ही में, पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर अपने बयान पर पाकिस्तान के अंदर भी और पूरी दुनिया में, खूब ट्रोल हुए. सबने यही कहा, कि दो देश एक साथ आज़ाद हुए, और एक देश ने कड़ी मेहनत, सही नीतियों और दूरदृष्टि से, Ferrari जैसी अर्थव्यवस्था बनाई, और दूसरा अभी भी डंपर की स्थिति में है, तो यह उनकी अपनी नाकामी है. मैं असीम मुनीर के इस बयान को एक Confession के रूप में भी देखता हूं.'
राजनाथ सिंह के भाषण की बड़ी बातें
- मैं सभी विदेशी कंपनियों और निवेशकों से अपील करना चाहूंगा कि वे भारत के जीवंत रक्षा निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र (India's vibrant defence manufacturing ecosystem) में आकर निवेश करें. हम आपको सभी आवश्यक मंज़ूरियां प्रदान करेंगे और सहयोग प्रदान करेंगे. हमारा मेक इन इंडिया सिर्फ़ भारत तक सीमित नहीं है. जब आप भारत में निर्माण करेंगे, तो आप दुनिया के लिए निर्माण करेंगे.
- आज हम Fifth Generation fighter aircraft बनाने की दिशा में भी आगे कदम बढ़ा चुके हैं. हम एयरक्राफ्ट का इंजन भी भारत में ही बनाने की तरफ़ बढ़ चुके हैं. हम लोग फ़्रेंच कंपनी Safaran के साथ इंजन मेकिंग का काम भारत में शुरू करने जा रहे हैं.
- पहले हम अपनी रक्षा जरूरतों के लिए पूरी तरह से विदेशों पर निर्भर थे, लेकिन आज मैं गर्व के साथ कह सकता हूं कि भारत डिफेंस के मामले में बड़ी तेज़ी से Self-reliance की तरफ़ बढ़ रहा है और इतना ही नहीं भारत का डिफेंस एक्सपोर्ट्स भी बढ़ रहा है.
- आज भारत का defence export, 2014 की तुलना में, लगभग 35 गुना बढ़ चुका है. साल 2013-14 में भारत से होने वाला डिफेंस एक्सपोर्ट केवल 686 करोड़ का था, वह आज 2024-25 में बढ़कर 23,622 करोड़ तक पहुंच गया है.
- भारत के Defence Sector में 2014 के बाद से कई अन्य उल्लेखनीय परिवर्तन हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में, भारत के रक्षा क्षेत्र को मजबूती देना सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकताओं में रहा है. पिछले ग्यारह वर्षों में देश का डिफेंस बजट, जो 2013-14 में ₹2,53,346 करोड़ था, वह बढ़कर लगभग तीन गुना यानि 2024-25 में ₹6,21,940.85 करोड़ तक पहुंच गया है. ऑपरेशन सिंदूर के बाद तो यह डिफेंस बजट और भी बढ़ने वाला है.
- आपको यह जानकर ख़ुशी होगी कि अभी कुछ दिन पहले हमने HAL को क़रीब 66,000 करोड़ रुपये की लागत से 97 तेजस फाइटर प्लेन्स बनाने का नया ऑर्डर दिया है. इसके पहले भी HAL को 48,000 करोड़ रुपये की लागत से 83 एयरक्राफ्ट बनाने का order दिया गया था.
- Foreign Companies के equipments की जिस quality से हम प्रभावित होते हैं, वह quality एक दिन में नहीं बनी. उसमें भी बड़ा समय लगा और उन्हें अपने देश का बराबर support मिला. हमारे HAL का ही उदाहरण लीजिए, इसने भी पहले दिन ही ‘तेजस' का निर्माण नहीं कर लिया. पर हमारे समर्थन और हमारी Armed Forces के बढ़ते भरोसे ने HAL को ‘तेजस' के निर्माण की ओर आगे बढ़ने की ऊर्जा प्रदान की.
- हमारा तेजस एयरक्राफ्ट भारत की indeginous डिफेंस कैपेबिलिटीज़ का शानदार उदाहरण बनने वाला है. ऐसा नहीं है कि हमें इस काम में समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ रहा है, मगर हमने यह तय किया है कि हम हर समस्या का समाधान निकालेंगे और भारत में फाइटर एयरक्राफ्ट बनाने की पूरी कैपेबैलिटी ज़रूर खड़ी करेंगे.
- करीब सौ देशों को हमारे देश में बने डिफेंस प्रोडक्ट्स एक्सपोर्ट किए जा रहे हैं. हमारा यह लक्ष्य है कि इस साल हमारा डिफेंस एक्सपोर्ट तीस हज़ार करोड़ रुपये और साल 2029 तक पचास हज़ार करोड़ रुपए पहुंच जाये. मुझे पूरा विश्वास है, हम यह लक्ष्य अवश्य प्राप्त करेंगे.
- भारत में 2nd Generation Reforms लंबे समय से Pending थे. हमारी सरकार ने उसको पूरा करने का कार्य शुरू कर दिया है. चाहे GST जैसा बड़ा Tax Reform हो या Criminal Laws का Reform, हमारी सरकार ने इस तरह के अनेक Structural Reforms किए हैं. इसी वर्ष स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले से प्रधानमंत्री मोदी जी ने GST में Tax Rates को Recalibrate करने की बात कही है. मैं समझता हूं कि सिर्फ इस एक reform से भारत कि growth rate को एक अच्छा push मिलेगा.
- हम Energy Security के लिए Green & Renewable Energy को बढ़ावा दे रहे हैं. आज Renewable energy में भारत ने 200 GW (gigawatt) से अधिक की क्षमता स्थापित कर ली है और 2030 तक 500 GW का लक्ष्य रखा है. भारत ने Global Leadership दिखाते हुए International Solar Mission भी स्थापित किया है. हमने Green Hydrogen Mission को भी तेजी से आगे बढ़ाने का कार्य किया है. हमारे ये सभी Achievements और Goals, sustainable future की दिशा तय कर रहे हैं.
- हमारी सरकार ने मिशन मोड में सेमीकंडक्टर के काम को आगे बढ़ाया है. जैसा कि प्रधानमंत्री जी ने स्वतंत्रता दिवस के अपने सम्बोधन में कहा है इसी वर्ष के अंत तक‘भारत की बनी हुई, भारत के लोगों द्वारा बनाई हुई ‘मेड इन इंडिया' सेमीकंडक्टर बाजार में आ जाएगी.
- आज जब बहुत सारे देश Global Supply Chain Disruption से काफी प्रभावित हो रहे हैं, भारत Global Supply Chains को मजबूत कर सकता है.
- प्रसिद्ध अर्थशास्त्री जगदीश भगवती जी ने हाल ही में कहा था कि पहले विश्व बैंक भारत को बताता था कि उसे क्या करना है, लेकिन अब, भारत विश्व बैंक को बताता है कि उसे क्या करना है. यह statement पिछले ग्यारह सालों में भारत को एक dependent economy से self-reliant और globally competitive economic powerhouse बनने की यात्रा को दर्शाता है.
- हमें यह भी स्वीकार करना होगा कि Contemporary Global Order ने जहां कुछ देशों को unprecedented prosperity दी है, वहीं विश्व की एक बड़ी आबादी को केवल Inequality, Insecurity & Uncertainty भी दी है.
- नए World Order में यदि भारत के मूल्यों की नींव होगी तो उसका Structure Humane होगा. Just और Inclusive होगा.
- हमें यह भी स्वीकार करना होगा कि Contemporary Global Order ने जहां कुछ देशों को unprecedented prosperity दी है, वहीं विश्व की एक बड़ी आबादी को केवल Inequality, Insecurity & Uncertainty भी दी है.
- हमने हमेशा एक ऐसी वैश्विक व्यवस्था की कल्पना की है जहां शक्ति उत्तरदायित्व से निर्देशित हो, उद्देश्य सभी की भलाई में निहित हो और साझेदारी राष्ट्रों के बीच संबंधों की स्वाभाविक स्थिति हो.
- भारतीय लोकाचार वैश्विक व्यवस्था को प्रभुत्व की प्रतिस्पर्धा के रूप में नहीं, बल्कि सभी के लिए सद्भाव, सम्मान और पारस्परिक सम्मान की दिशा में एक साझा यात्रा के रूप में देखता है.
- हमारी परंपरा में, शक्ति का मापदंड आदेश देने की क्षमता में नहीं, बल्कि देखभाल करने की क्षमता में है; संकीर्ण हितों की खोज में नहीं, बल्कि वैश्विक भलाई के प्रति प्रतिबद्धता में है.
Featured Video Of The Day
Bhopal में बड़ी 'मछली' का 'मायालोक', 150 करोड़ की अवैध संपत्ति पर चला बुलडोजर | Shubhankar Mishra